जन्म से 6 माह तक बच्चे को केवल माँ का दूध हीं पिलाना चाहिए. शिशु के जन्म के 1 घण्टे के भीतर माँ का दूध पिलाना चाहिए. पहली बार माँ बनने जा रही महिलाओं के लिए यह जानना जरूरी होता है कि स्तनपान करवाने के माँ और शिशु को क्या-क्या फायदे हैं. और उनके लिए यह जानना भी जरूरी होता है कि स्तनपान करवाने का सही तरीका क्या है. तो आइए जानते हैं स्तनपान करवाने का सही तरीका और स्तनपान करवाने के फायदे.
स्तनपान करवाने का सही तरीका :
- शिशु का मुँह स्तन के पास ले जाइए. शुरूआत में आपको थोड़ी दिक्कत हो सकती है.क्योंकि शिशु को प्रारम्भ में शिशु को ठीक से स्तनों से दूध पीना नहीं आता है, इसलिये वह थोड़ी हलचल कर सकता है.
- शुरूआत में शिशु की अज्ञानता के कारण आपके स्तनों में दर्द हो सकता है. लेकिन आपको संयम खोने की जरूरत नहीं है. शिशु को दुलार से ही स्तनपान करवाएँ. कुछ दिनों के बाद शिशु खुद स्तन से दूध निकालना सीख जाएगा.
- स्तनपान के दौरान शिशु को अच्छी तरह से पकड़ें, क्योंकि छोटे बच्चे बहुत ज्यादा हलचल करते हैं. कई बार माँ के स्तनों में केवल इसलिए दर्द रहता है क्योंकि माँ बच्चे को सही तरीके से लिटाकर दूध नहीं पिलाती है. और आरामदायक तरीके से नहीं लिटाने के कारण हीं शिशु माँ का दूध अच्छी तरह नहीं पीता है. शिशु को हल्का मुड़कर लेटने में आराम मिलता है, इसलिए शिशु को उसी तरह लिटाकर दूध पिलाएँ.
- शिशु को अपनी बाँह पर लिटाएं और शिशु के मुँह को स्तन तक ले जाइए. शुरूआत में शिशु को अभ्यस्त होने में थोड़ा समय लगेगा, इसलिए अपना संयम न खोएँ.
- गोद में लेकर दूध पिलाना आपके और शिशु दोनों के लिए ज्यादा आरामदायक होगा.
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