वास्तु के इन नियमों को मानकर परिवार में सुख, शांति और व्यापारिक संस्थानों को श्रीसमृद्धि से युक्त बनाया जा सकता है। वास्तु का लाभ उठा कर अपने बौद्धिक साहस का परिचय दीजिए। चमत्कारों का सूर्य आपको आभायुक्त बना देगा। तो आइये जानते है वास्तु के ये 12 नियम जिनसे नहीं होगा धन का आभाव।
1 स्फटिक के शिवलिंग की पूजा करें। स्फटिक असली हो तो प्रभाव में वृद्धि होगी।
2 भवन निर्माण में दरवाजे और खिड़कियां सम संख्या में हों तथा सीढ़ियां विषम संख्या में हों।
3 टॉयलेट और किचन एक पंक्ति (कतार) में या आमने-सामने होना दोषकारक है।
4 घर में गणेशजी की एक से अधिक मूर्ति हो तो कोई फर्क नहीं, परंतु पूजा एक ही गणेशजी की हो। घर में गणपति की मूर्ति, रंगोली, स्वस्तिक या ॐ का चिह्न बुरी आत्माओं के प्रभाव को नियंत्रित करता है।
5 घर के बाहर या अंदर आशीर्वाद मुद्रा में देवी-देवता की मूर्ति अथवा चित्र लगाएं। ध्यान रहे, उनका मुंह भवन के बाहर की तरफ हो। सिर्फ गणेश का मुंह भवन के भीतर होना चाहिए क्योंकि गणेश के पीछे दरिद्रता रहती है।
6 घर के ड्राइंगरूम में मोर, बंदर, शेर, गाय, मृग आदि के चित्र या मूर्ति रूप में किसी एक का जोड़ा रखें जिसका मुंह एक-दूसरे की तरफ हो तथा मुंह घर के अंदर हो, शुभ रहेगा।
7 दक्षिण दिशा में घोड़ा (अश्व) रखना सर्वोत्तम है।
8 असली स्फटिक बॉल, श्रीयंत्र, पिरामिड या कटिंग बॉल को आप कहीं भी रख सकते हैं। (श्रीयंत्र को केवल घर के मंदिर में रखें।)
9 धन-समृद्धि के लिए धन की पेटी (कैश बॉक्स) में तीन सिक्के रखें, जो भाग्य की अभिवृद्धि में सहायक होंगे।
10 घोड़े की नाल पश्चिमी देशों तथा हमारे देश में भी बहुत भाग्यशाली और शुभ मानी जाती है। अपनी सुरक्षा और सौभाग्य के लिए इसे अपने घर के मुख्य द्वार के ऊपर चौखट के बीच में लगा सकते हैं।
11 बीम के नीचे बिंदु चिप्स लगाकर बीम के दोष को दूर कर सकते हैं।
12 संपत्ति तथा सफलता के लिए अपने बैठक कक्ष में पिरामिड को उत्तर-पूर्व में रखें।
ज्योतिषाचार्य- श्री राजेश शाश्त्री जी (फूप जिला-भिंड (म. प्र.)
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