वैदिक ज्योतिष के अनुसार मकर राशि में स्थित होने पर मंगल को उच्च का मंगल कहा जाता है जिसका साधारण शब्दों में अर्थ यह होता है कि मकर राशि में स्थित होने पर मंगल अन्य सभी राशियों की तुलना में सबसे बलवान हो जाते हैं। कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि कुंडली में उच्च का मंगल सदा शुभ फलदायी होता है जो सत्य नहीं है क्योंकि कुंडली में मंगल का उच्च होना केवल उसके बल को दर्शाता है तथा उसके शुभ या अशुभ स्वभाव को नहीं जिसके चलते किसी कुंडली में उच्च का मंगल शुभ अथवा अशुभ दोनों प्रकार के फल ही प्रदान कर सकता है जिसका निर्णय उस कुंडली में मंगल के शुभ अशुभ स्वभाव को देखकर ही लिया जा सकता है। आज के इस लेख में हम कुंडली के विभिन्न 12 घरों में स्थित होने पर उच्च के मंगल द्वारा प्रदान किये जाने वाले कुछ संभावित शुभ तथा अशुभ फलों के बारे में विचार करेंगे।
कुंडली के पहले घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के पहले घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन से संबंधित शुभ फल दे सकता है विशेषतया तब जब ऐसा शुभ मंगल कुंडली के पहले घर में स्थित होकर कुंडली में शुभ फलदायी मांगलिक योग बनाता हो। इस प्रकार का शुभ उच्च मंगल जातक को उसके व्यवसायिक क्षेत्र में भी शुभ फल प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक अपने व्यवसाय के माध्यम से बहुत धन कमा सकते हैं। कुंडली के पहले घर में स्थित शुभ मंगल जातक की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में सहायता कर सकता है जिसके कारण इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक आर्थिक रूप से समृद्ध अथवा बहुत समृद्ध हो सकते हैं तथा इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को सुख, सुविधा तथा ऐश्वर्य से युक्त जीवन भी प्रदान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के पहले घर में स्थित उच्च के मंगल के अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं तथा ये समस्याएं उस स्थिति में और भी दुखदायी हो सकतीं हैं जब कुंडली के पहले घर में स्थित ऐसा अशुभ उच्च मंगल कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण कर दे। कुंडली के किसी भी घर में अशुभ उच्च के मंगल द्वारा बनाया गया मांगलिक दोष जातक के वैवाहिक जीवन को बहुत कष्टमय बना सकता है क्योंकि ऐसा अशुभ मंगल उच्च होने के कारण बहुत अधिक बलवान हो जाता है जिसके कारण ऐसे बलवान मंगल द्वारा बनाया गया मांगलिक दोष भी साधारण मांगलिक दोष की तुलना में अधिक बलवान होता है जिसके कारण इस प्रकार के मांगलिक दोष से पीड़ित जातक का एक विवाह तो आसानी से टूट सकता है तथा जातक की शेष कुंडली अनुकूल न होने की स्थिति में जातक के एक से अधिक विवाह भी टूट सकते हैं। कुंडली के पहले घर में स्थित अशुभ उच्च का मंगल जातक के व्यवसायिक क्षेत्र में भी बाधाएं पैदा कर सकता है जिसके कारण इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को लंबे समय तक व्यवसायहीन रहना पड़ सकता है।
कुंडली के दूसरे घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन को बहुत सुखमय बना सकता है, विशेषतया तब जब इस प्रकार का शुभ उच्च मंगल कुंडली में शुभ फलदायी मांगलिक योग बना रहा हो जिसके चलते ऐसे जातक को अपने विवाह से बहुत सुख प्राप्त हो सकता है। कुंडली में इस प्रकार के उच्च मंगल का शुभ प्रभाव जातक को बहुत मात्रा में धन भी प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक अपने व्यवसाय से बहुत मात्रा में धन कमाने के अतिरिक्त नाम तथा यश भी कमाते हैं। कुंडली के दूसरे घर में स्थित शुभ उच्च का मंगल जातक को बहुत अच्छी अथवा उत्तम संतान भी प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के प्रभाव में आने वाले जातक की संतान जातक की सेवा करने वाली और जातक को सहायता प्रदान करने वाली होती है। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च के मंगल के अशुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन में गंभीर अथवा अति गंभीर समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं तथा यह समस्याएं उस स्थिति में और भी गंभीर बन सकती हैं जब इस प्रकार का अशुभ उच्च मंगल कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण कर दे। इस प्रकार के मांगलिक दोष से पीड़ित कुछ जातकों का विवाह देरी से अथवा बहुत ही देरी से हो सकता है जबकि इस प्रकार के मांगलिक दोष के प्रबल प्रभाव में आने वाले कुछ अन्य जातकों के 2 या इससे भी अधिक विवाह बहुत बुरी स्थितियों में टूट सकते हैं। कुंडली के दूसरे घर में स्थित अशुभ उच्च का मंगल जातक की आर्थिक स्थिति पर भी अशुभ प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले जातकों को समय समय पर अनचाहे खर्चों से पीड़ित रहना पड़ सकता है जिससे इन जातकों की आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। कुंडली के दूसरे घर में स्थित अशुभ उच्च का मंगल जातक को अनेक प्रकार के रोगों से पीड़ित भी कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले विभिन्न जातक भिन्न भिन्न प्रकार के रोगों के कारण लंबे समय तक कष्ट उठा सकते हैं।
कुंडली के तीसरे घर में उच्च का मंगल : कुंडली के तीसरे घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक को स्वस्थ तथा बलवान शरीर प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक सामान्यतया जीवन भर स्वस्थ तथा सक्रिय रहते हैं। इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को बहुत साहस, पराक्रम तथा शौर्य प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के उच्च मंगल के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक युद्ध कला में बहुत प्रवीण हो सकते हैं तथा पुलिस बल, सेना बल अथवा ऐसी किसी अन्य संस्था में कार्यरत हो सकते हैं जहां इन्हें अपने शौर्य प्रदर्शन का भरपूर अवसर प्राप्त हो सके। कुंडली के तीसरे घर में स्थित शुभ उच्च के मंगल के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी साहस, आशा तथा प्रयत्न का साथ नहीं छोड़ते तथा अपनी निरंतर संघर्ष करते रहने की क्षमता के कारण विकट से विकट परिस्थितियों में से भी निकल कर अनुकूल परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इस प्रकार के जातक सामान्यतया बहुत अच्छे मित्र भी सिद्ध होते हैं तथा विपत्ति में फंसे अपने किसी मित्र की सहायता करने के लिए ऐसे जातक अपने प्राणों को संकट में भी डाल सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के तीसरे घर में स्थित उच्च के मंगल के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने विरोधियों तथा शत्रुओं के कारण बहुत विकट परिस्थितियों तथा संकटों का सामना करना पड़ सकता है तथा ऐसे जातक के विरोधी अथवा शत्रु जातक को हानि पहुंचाने के लिए समय समय पर जातक के विरुद्ध षड़यंत्र रचते रहते हैं। कुंडली के तीसरे घर में स्थित अशुभ उच्च मंगल के प्रभाव में आने वाले जातकों को अपने मित्रों, सहयोगियों अथवा भाईयों के कारण भी संकट अथवा हानि का सामना करना पड़ सकता है तथा कुछ स्थितियों में इस प्रकार के अशुभ प्रभाव के कुंडली में बहुत प्रबल होने पर जातक का कोई करीबी मित्र या जातक का सगा भाई भी जातक के साथ विश्वासघात करके उसे गंभीर आर्थिक हानि पहुंचा सकता है अथवा उसे किसी अन्य प्रकार के गंभीर संकट में डाल सकता है।
कुंडली के चौथे घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के चौथे घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन पर शुभ प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते जातक का वैवाहिक जीवन बहुत सुखमय तथा आनंदमय बन सकता है तथा यह संभावनाएं उस स्थिति में और भी बलवान हो जातीं हैं जब कुंडली में स्थित ऐसा शुभ उच्च का मंगल कुंडली में शुभ फलदायी मांगलिक योग बनाता हो। इस प्रकार का शुभ उच्च मंगल जातक को सुंदर तथा धनी पत्नी प्रदान कर सकता है तथा ऐसे शुभ प्रभाव में आने वाले जातकों को अपने जीवन में अनेक प्रकार के सुखों, सुविधाओं तथा साधनों आदि की प्राप्ति होती है जिसके चलते इन जातकों का जीवन सुविधापूर्वक तथा आनंदमय होता है। कुंडली के चौथे घर में स्थित शुभ उच्च का मंगल जातक को विभिन्न प्रकार के सुविधापूर्वक वाहन, आलीशान घर, सुख सुविधा के अन्य साधन तथा बहुत से अन्य लाभ प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक अपने व्यवसायिक जीवन में भी सफल अथवा बहुत सफल रहते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के चौथे घर में स्थित उच्च के मंगल के अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकता है तथा जातक के वैवाहिक जीवन में आने वाली मुसीबतें उस स्थिति में और भी बढ़ सकतीं हैं जब इस प्रकार का अशुभ उच्च मंगल कुंडली में मांगलिक दोष बनाता हो। इस प्रकार के मांगलिक दोष के दुष्प्रभाव में आने वाले जातक का विवाह किसी कठोर अथवा बहुत कठोर स्वभाव वाली अथवा बुरे आचरण वाली स्त्री के साथ हो सकता है जो अपने स्वभाव और आचरण के चलते जातक के वैवाहिक जीवन को बहुत कष्टमय अथवा नर्क समान बना सकती है। कुंडली के चौथे घर में स्थित अशुभ उच्च के मंगल का दुष्प्रभाव जातक की मानसिक शांति पर अशुभ प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते ऐसे जातक किसी न किसी प्रकार की चिंता के कारण मानसिक रूप से पीड़ित तथा अशांत ही रहते हैं।
कुंडली के पांचवें घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के पांचवें घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक की आर्थिक समृद्धि पर शुभ प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक आर्थिक रूप से समृद्ध अथवा बहुत समृद्ध हो सकते हैं। इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को रचनात्मक विशेषताएं भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे जातक रचनात्मकता से जुड़े व्यवसायिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कुंडली के पांचवें घर में स्थित शुभ उच्च का मंगल जातक को आध्यात्म तथा परा विज्ञान जैसे क्षेत्रों के प्रति रूचि तथा इन क्षेत्रों में विकास करने की क्षमता भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक ज्योतिष, अंक ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, हस्त रेखा शास्त्र आदि जैसे क्षेत्रों में भी कार्यरत पाये जा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के पांचवें घर में स्थित उच्च का मंगल अशुभ होने की स्थिति में जातक की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है जिसके कारण इस प्रकार के कुछ जातक उच्च शिक्षा प्राप्त ही नहीं कर पाते जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों की शिक्षा बहुत रुकावटों के पश्चात ही पूर्ण हो पाती है। कुंडली के पांचवें घर में स्थित अशुभ उच्च के मंगल का प्रभाव जातक को किसी असामान्य प्रेम संबंध में पड़ने के कारण बहुत समस्याएं दे सकता है। उदाहरण के लिए इस प्रकार के कुछ जातक किसी विवाहित स्त्री के साथ प्रेम संबंध स्थापित कर सकते हैं जिसका भेद खुल जाने के कारण इन जातकों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली के पांचवें घर में स्थित अशुभ उच्च के मंगल का प्रभाव जातक को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से भी पीड़ित कर सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ मंगल के प्रबल प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने जीवन में एक से अधिक बार शल्य चिकित्सा अर्थात सर्जरी का सामना करना पड़ सकता है।
कुंडली के छठे घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के छठे घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक को स्वस्थ शरीर तथा लंबी आयु प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ मंगल के प्रभाव में आने वाले जातक सामान्यतया स्वस्थ ही रहते हैं। कुंडली में उच्च मंगल का इस प्रकार का प्रभाव जातक के व्यवसायिक क्षेत्र में भी शुभ फल प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कुंडली के छठे घर में स्थित शुभ उच्च के मंगल का विशिष्ट प्रबल प्रभाव जातक को सरकार में कोई उच्च आधिकारिक पद प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातक राजनीति के माध्यम से भी सरकार में लाभ तथा प्रभुत्व वाला कोई पद प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार के शुभ मंगल के प्रभाव में आने वाले राजनेता सामान्यता जनता के मध्य बहुत लोकप्रिय होते हैं तथा जन समुदाय के समर्थन के कारण ही ऐसे नेता सरकार में प्रभुत्व का कोई पद प्राप्त करते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के छठे घर में स्थित उच्च के मंगल के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपनी संपत्ति आदि से संबंधित विवादों के चलते लंबे समय तक कोर्ट केसों का सामना करना पड़ सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव के कुंडली में बहुत प्रबल होने की स्थिति में जातक को न्यायालय के प्रतिकूल निर्णय के कारण संपत्ति अथवा धन की हानि भी उठानी पड़ सकती है। कुंडली के छठे घर में स्थित अशुभ उच्च के मंगल के प्रभाव के कारण जातक को अपने पिता के माध्यम से आने वाली अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने पिता द्वारा लिया गया कर्ज चुकाना पड़ सकता है जबकि कुछ अन्य जातकों को बहुत लंबे समय तक अपने पिता के किसी रोग के उपचार के लिए बहुत धन व्यय करना पड़ सकता है जिससे इन जातकों को धन की कमी का सामना भी करना पड़ सकता है। कुंडली के छठे घर में स्थित अशुभ उच्च के मंगल का दुष्प्रभाव जातक को किसी गंभीर रोग से पीड़ित भी कर सकता है।
कुंडली के सातवें घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन को बहुत सुखमय बना सकता है, विशेषतया तब जब इस प्रकार का शुभ उच्च मंगल कुंडली में शुभ फलदायी मांगलिक योग बना रहा हो जिसके चलते ऐसे जातक को अपने विवाह से बहुत सुख प्राप्त हो सकता है तथा इस प्रभाव के चलते जातक को ऐसी पत्नी प्राप्त हो सकती है जो एक सहयोगी तथा मित्र की भांति जातक को उसके जीवन के हर कार्य में सहायता प्रदान करती हो जिसके चलते जातक अपने जीवन के अनेक क्षेत्रों में अपनी पत्नी के सहयोग के कारण अपेक्षाकृत अधिक सफलता प्राप्त कर सकता है। कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च के मंगल का प्रभाव जातक को व्यवहार कुशल तथा लोगों को प्रभावित करने की कला का ज्ञाता बना सकता है जिसके चलते जातक अपने व्यवसायिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च का मंगल अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है विशेषतया जब इस प्रकार का अशुभ मंगल कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण करता हो। इस प्रकार के मांगलिक दोष के प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को विभिन्न कारणों के चलते अपनी पत्नी से लंबे समय के लिए दूर रहना पड़ सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों के वैवाहिक जीवन में वाद विवाद, झगड़े, गाली गलौच तथा शारीरिक हिंसा की भरमार हो सकती है। इस प्रकार का दोष जातक के एक अथवा एक से भी अधिक विवाह तोड़ भी सकता है तथा इन जातकों को अपने पत्नी के द्वारा दी गई शिकायत के कारण पुलिस केस अथवा कोर्ट केस का सामना भी करना पड़ सकता है जिसके कारण इन जातकों को अपयश भी सहन करना पड़ सकता है।
कुंडली के आठवें घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन को बहुत सुखमय बना सकता है, विशेषतया तब जब इस प्रकार का शुभ उच्च मंगल कुंडली में शुभ फलदायी मांगलिक योग बना रहा हो जिसके चलते ऐसे जातक को अपने विवाह से बहुत सुख प्राप्त हो सकता है। इस प्रकार के शुभ उच्च मंगल का कुंडली में प्रभाव जातक को व्यवसायिक क्षेत्र में भी शुभ फल प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक अपने व्यवसाय के माध्यम से बहुत धन कमाने में सफल हो सकते हैं। कुंडली के आठवें घर में स्थित शुभ उच्च का मंगल जातक को लंबी आयु भी प्रदान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का मंगल अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है विशेषतया जब इस प्रकार का अशुभ मंगल कुंडली में मांगलिक दोष बनाता हो। इस प्रकार के अशुभ मांगलिक दोष के प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों का विवाह बहुत देर से होता है जबकि इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों के विवाह एक के बाद एक टूटते जाते हैं तथा ऐसे जातको के अनेक विवाह टूट सकते हैं और कुछ स्थितियों में इस प्रकार के कुछ जातकों को 2 या 3 विवाह टूटने के बाद जीवन भर अकेले भी रहना पड़ सकता है। कुंडली के आठवें घर में स्थित अशुभ उच्च का मंगल जातक को विभिन्न प्रकार के रोगों से भी पीड़ित कर सकता है तथा ऐसे रोग सामान्यतया लंबे समय तक चलने वाले होते हैं तथा किसी कुंडली में इस प्रकार का प्रभाव बहुत प्रबल होने की स्थिति में जातक को कोई प्राण घातक रोग भी हो सकता है अथवा जातक की किसी दुर्घटना आदि में आकस्मिक मृत्यु हो सकती है।
कुंडली के नौवें घर में उच्च का मंगल : कुंडली के नौवें घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक को विदेशों में ले जा सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक स्थायी रूप से विदेश में जाकर ही बस जाते हैं तथा ऐसे जातक विदेश जाकर बहुत सफलता तथा धन प्राप्त करते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च मंगल का प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन को भी सुखी बना सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातक विदेश में रहने वाली किसी स्त्री के साथ विवाह करके विदेश में ही स्थायी रूप से स्थापित हो जाते हैं। कुंडली के नौवें घर में स्थित शुभ उच्च मंगल का प्रभाव जातक को व्यवसायिक सफलता भी प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक समाज में यश तथा प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के नौवें घर में स्थित उच्च का मंगल अशुभ होने की स्थिति में जातक के व्यवसायिक क्षेत्र पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते जातक को अपने व्यवसायिक क्षेत्र में अनेक प्रकार की रुकावटों, बाधाओं, असफलताओं तथा धन की हानि का सामना करना पड़ सकता है तथा ये समस्याएं उस स्थिति में और भी गंभीर हो जातीं हैं जब इस प्रकार का अशुभ उच्च मंगल कुंडली में पित्र दोष का निर्माण कर रहा हो। इस प्रकार के पित्र दोष के प्रभाव में आने वाले जातक को अपने व्यवसाय के माध्यम से धन हानि के अतिरिक्त अपने द्वारा किये हुए किसी अनुचित कार्य के चलते बहुत अपयश अथवा बदनामी का सामना भी करना पड़ सकता है तथा इस प्रकार का पित्र दोष कुंडली में प्रबल होने की स्थिति में जातक अपने किसी अनुचित कार्य के चलते अपने पूरे परिवार की बहुत बदनामी करवा सकता है।
कुंडली के दसवें घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के दसवें घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक को स्वस्थ शरीर तथा लंबी आयु प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक सामान्य से लंबी आयु तक जीवित रहते हैं। कुंडली में इस प्रकार के उच्च मंगल का शुभ प्रभाव जातक को व्यवसायिक सफलता भी प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातक व्यवसाय में बहुत सफल होने के कारण नाम, यश, प्रसिद्धि तथा प्रतिष्ठा भी अर्जित कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के दसवें घर में स्थित उच्च के मंगल के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने व्यवसायिक क्षेत्र में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने आप को व्यवसायिक रूप से स्थापित करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है, बहुत सी रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है तथा बहुत बार असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है जबकि इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ अन्य जातकों को अपने व्यवसाय के माध्यम से समय समय पर धन की हानि सहन करनी पड़ सकती है। कुंडली के दसवें घर में स्थित अशुभ उच्च का मंगल जातक के वैवाहिक जीवन पर भी दुष्प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कुंडली के ग्यारहवें घर में उच्च का मंगल : किसी कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक को धन लाभ प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के शुभ मंगल के प्रभाव में आने वाले जातक को उस स्थिति में बहुत अधिक धन की प्राप्ति हो सकती है जब ऐसा शुभ उच्च का मंगल कुंडली के ग्यारहवें घर में धन योग का निर्माण कर दे जिसके कारण जातक के आय के एक से अधिक स्तोत्र हो सकते हैं तथा जातक को अपने जीवन मे निरंतर धन की प्राप्ति होती रहती है। इस प्रकार के शुभ उच्च मंगल के विशेष प्रभाव में आने वाले कुछ जातक व्यापार के माध्यम से करोड़ों रुपये कमा सकते हैं तथा ऐसे जातक बहुत बड़े व्यापारिक साम्राज्य की स्थापना भी कर सकते हैं और अपनी व्यापारिक सफलता के कारण ऐसे जातक बहुत बड़े स्तर पर प्रसिद्धि भी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च के मंगल के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने व्यवसाय में बहुत सी रुकावटों तथा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने आप को व्यवसायिक रूप से स्थापित करने के लिए बहुत प्रयास तथा बहुत प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। इस प्रकार के अशुभ उच्च मंगल के विशेष प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों को विभिन्न कारणों के चलते अपनी पत्नियों से लंबे समय के लिए दूर भी रहना पड़ सकता है जिसके कारण इन जातकों के वैवाहिक सुख में कमी आ सकती है।
कुंडली के बारहवें घर में स्थित उच्च का मंगल : किसी कुंडली के बारहवें घर में स्थित उच्च का मंगल शुभ होने की स्थिति में जातक को व्यवसायिक उद्देश्य से विदेश ले जा सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक व्यवसायिक आधार पर विदेश जाकर स्थायी रूप से वहीं बस सकते हैं और ऐसे जातक विदेशों में व्यवसाय स्थापित करके बहुत धन कमाने में सफल भी हो जाते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च मंगल का प्रभाव जातक के वैवाहिक जीवन को सुखमय बना सकता है तथा यह संभावना उस स्थिति में और भी बढ़ जाती है जब ऐसा शुभ उच्च मंगल कुंडली के बारहवें घर में स्थित होकर शुभ फलदायी मांगलिक योग बना रहा हो जिसके प्रभाव के कारण जातक का वैवाहिक जीवन सुखमय तथा सफल रहता है। वहीं दूसरी ओर, कुंडली के बारहवें घर में स्थित उच्च के मंगल के अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं आ सकतीं हैं तथा यह समस्याएं उस स्थिति में और भी गंभीर हो सकतीं हैं जब इस प्रकार का अशुभ उच्च का मंगल कुंडली में मांगलिक दोष का निर्माण कर दे। इस प्रकार के मांगलिक दोष के दुष्प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने व्यवसाय अथवा किसी अन्य कारण के चलते अपनी पत्नी से बहुत लंबे समय तक दूर रहना पड़ सकता है जबकि इस प्रकार के कुछ अन्य जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में तर्क वितर्क, वाद विवाद, मनमुटाव, लड़ाई, झगड़े आदि जैसी समस्याओं का नियमित रूप से सामना करना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों का विवाह टूट भी सकता है। कुंडली के बारहवें घर में स्थित अशुभ उच्च का मंगल जातक को विभिन्न प्रकार के रोगों से पीड़ित भी कर सकता है
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