धार्मिक और पौराणिक ग्रन्थों तथा शास्त्रों में तुलसी को बहुत ही पवित्र, पूजनीय, शुद्ध और देवी के स्वरूप माना गया है. तुलसी का प्रतिदिन दर्शन करना पापनाशक समझा जाता है, तथा तुलसी पूजन करना मोक्षदायक माना जाता है. वास्तुशास्त्र के अनुसार यह माना जाता है कि प्रतिदिन तुलसी पर जल चढ़ाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. ऐसा माना जाता है की घर में तुलसी का पौधा लगाने से घर-परिवार के लोगों को समस्त रोगों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख तथा सम्पन्नता आती है. हिन्दू धर्म में देव पूजा और श्राद्ध कर्म में तुलसी बहुत ही आवश्यक मानी गई है. तुलसी के पत्ते तोड़ना पाप माना जाता है. क्योंकि तुलसी को अत्यंत पवित्र माना गया है. किन्तु तुलसी तोड़ने से पहले एक मंत्र का उच्चारण करने से पाप अथवा दोष नही लगता है.
आइए जानते हैं तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले कौन सा मंत्र दोहराना चाहिए–
ॐ सुभद्राय नमः कहते हुए
मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी,
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते.
तुलसी तोड़ने के पूर्व इस मंत्र का जप कम से कम तीन बार करने के बाद ही तुलसी पत्र तोड़ें.
तुलसी को जल चड़ाते समय जप करने का मंत्र-
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी,
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते.
तुलसी के उपयोग करते समय इन मन्त्रों का जप करने से आपके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि हमेशा बनी रहेगी..
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