स्वास्थय

जानिये ब्रेस्ट कैंसर होने के लक्षण और इससे बचने के उपाय

Written by Bhakti Pravah

यह महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है। महिलाओं के साथ-साथ कुछ पुरुषों में भी स्तन कैंसर हो सकता है। विशवभर में स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता फ़ैलाने का प्रयास सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों द्वारा किया जाता है। अगर समय पर इस कैंसर को पहचान कर उचित उपचार किया जाये तो इसे आसानी से रोक जा सकता हैं। स्तन कैंसर के विशेष लक्षणों की जानकारी निम्नलिखित हैं-

  • स्तन में गांठ या स्तन के बगल में दर्द होना जिसका माहवारी से कोई संबंध नहीं होता।
  • स्तन के त्वचा का रंग बदलना या लाल होना।
  • निप्पल के ऊपर या आसपास लाल रैशेस पड़ना।
  • निप्पल से द्रव या रक्त निकलना और निप्पल का आकार बदलना या अन्दर होना।
  • स्तन का आकार या रूप बदलना और स्तन का एक हिस्सा सख़्त होना।
  • स्तन की त्वचा की परत निकलना।

स्तन कैंसर के कुछ लक्षण

  • एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोजन नामक हार्मोन की लंबे समय तक कमी होने से स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
    किसी स्तन में गांठ महसूस होना, ब्रेस्टे कैंसर का सामान्य लक्षण है। ऐसे में स्तन में दर्द भी होता है। कई बार लड़कियां और महिलाएं ब्रेस्ट में होने वाले दर्द को पीरियड के दौरान होने वाली समस्या सोचकर नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। प्रत्येक महिला को हर 15 दिन पर अपने स्तनों को दबाकर स्वयं जांच करनी चाहिए।
  • यदि कोई महिला ब्रेस्ट फीडिंग नहीं कराती और उसके निप्पल से दूध का रिसाव हो रहा है, तो यह भी ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है। दूध के अलावा खून या पानी का निकलना भी खतरनाक होता है। ऐसे में निप्पल के आकार में बदलाव भी हो सकता है और महिला का कोई एक निप्पल अंदर की तरफ भी मुड़ सकता है।
  • यदि आपको ब्रेस्ट या निप्पल को शीशे में देखने पर उनके आकार में अंतर महसूस होता है, तो यह स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसे में स्तन पर एक साइड में सूजन या रैशेस भी पड़ जाते हैं। निप्पल पर पपड़ी बनने के साथ ही इसकी त्वचा के रंग में बदलाव भी स्तन कैंसर का कारण हो सकता है।
  • लंबे समय तक बुखार, वजन कम होना और तीन से चार हफ्तों तक सुस्ती बने रहना भी स्तन कैंसर की तरफ इशारा हो सकता है। कई अन्य बीमारियों के साथ ही स्तन कैंसर में भी एकदम से वजन कम हो जाता है। इसके अलावा पेट के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर और पैंक्रियाटिक कैंसर आदि में भी स्तन कैंसर की समस्या हो सकती है।
  • धूम्रपान, पान मसाला या एलकोहॉल का सेवन भी ब्रेस्ट कैंसर की आशंका को बढ़ाता है। कुछ महिलाएं बच्चों को ब्रेस्ट-फीडिंग नहीं कराती, जो कि स्तन कैंसर का बड़ा कारण होता है। देर से शादी होने पर बच्चा देर से पैदा होता है और ऐसा माना जाता है कि देर से स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर की आशंका ज्यादा रहती है।

स्तन कैंसर से बचने के कुछ सुझाव

  • खट्टे फलों का सेवन करने से इनमें मौजूद फाइटोकेमिकल्स, स्तन कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकने में मदद करते हैं।
  • ग्रीन-टी पीने से इसमें मौजूद एन्टी-इन्फ्लैमटॉरी गुण, स्तन कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
  • दूध और दही खाने से इनमें मौजूद विटामिन-डी, स्तन कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
  • लहसुन इम्यून सिस्टम को बढ़ा कर स्तन कैंसर से लड़ने में मदद करता है।
  • ध्रूमपान न करें।
  • कम मात्रा में रेड मीट का सेवन करें।
  • सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें।
  • गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें।

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