सूर्य जब जन्म – कुंडली में बुरी स्थिति में पड़ा हो और सूर्य प्रदर्शित बातों से हानि हो रही हो , जैसे दिल का कष्ट , राज दरबार से परेशानी , आँखों में कष्ट , दिल का दौरा , पेट का बिमारी , हड्डियों की तकलीफ इत्यादि हो तो उस समय गुड का दान करना , गेहूं का दान करना , लाल रंग का ताम्बा दान करना या यज्ञ करना अथवा श्री हरिवंश्पुराण का कथा करना लाभकारी होता है !
सूर्य की स्थिति ज्ञात करने का क सरल उपाय यह भी है की यदि व्यक्ति नमक कम खाता हो तो समझ ले की उनकी सूर्य बलबान है और इसके ठीक विपरीत यदि सूर्य कमजोर हों तो ऐसा व्यक्ति नमक ज्यादा खाता है !
सूर्य यदि सातवें भाव में बूरा प्रभाव दिखा रहा हो तो ऐसे में रात्री में आग को दूध से बुझाना चाहिए और साथ में व्यक्ति मूंह में मीठा ( शहद / गुड ) डालकर ऊपर से पानी पी लिया करे !
सूर्य यदि दशम भाव में पीड़ा पहुंचा रहा हो तो चलते पानी में ताम्बे का पैसा बहा देना चाहिए ! यहाँ चलते पानी में बहा देने से तात्पर्य यह है की मानो कष्ट को कोई शक्ति हमारे यहाँ से बहाकर हमसे दूर ले जा रही है !
Leave a Comment