रात को सोते समय खर्राटे की वजह से सांस लेने में आने वाली समस्या मौत के खतरे को बढ़ा देती है. स्लीप एप्निया (खर्राटे) भविष्य में हृदयाघात और गर्दन की धमनियों के मोटे होने का कारण भी बन सकता है. स्लीप एप्निया एक सामान्य समस्या है जिसकी वजह से सोते समय हम सांस लेने में रुक जाते हैं या बेहद कम सांस आती है.
40 साल की उम्र में स्लीप एप्निया से मौत का खतरा उतना ही होता है जितना 57 साल की उम्र के व्यक्ति को बिना इस रोग के होता है.
जिन लोगों को स्लीप एप्निया है या होने का शक है, उन्हें तुरंत अपने डॉक्टर से जांच और इलाज के लिए संपर्क करना चाहिए. गंभीर स्लीप एप्निया से मौत का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है. इसके साथ ही मध्यम से हल्का स्लीप एप्निया के मामले में मौत का खतरा 50 प्रतिशत तक ज्यादा होता है.