जैसा की हम सभी जानते है की हमारे हिन्दू संस्कारों में और परंपरा में बताया गया है की यदि आप मंदिर जाने के बाद जूते – चप्पल बाहर खोलते है। जिसके चलते हम मंदिरो के बाहर ही जूते या चप्पल खोलते है। यदि आपके भी मनन में यह बात आती है की क्योँ हम मंदिर के बहार जूते चप्पल रखते है।
तो आइये जानते है क्योँ रखते है जूते चप्पल मंदिर के बाहर..
मंदिर एक बहुत ही पवित्र स्थान होता है जहाँ जाने पर हमारे मन को शांति और दिमाग को एक नई उर्जा मिलती है , हम सब यह भी जानते है की हम दिन भर में कई जगह पर आते जाते है उसकी वजह से हमारे जूते चप्पलों पर वहां की अशुद्ध चीज़े इनके साथ आ जाती है, जिसकी वजह से मंदिर का परिसर अपवित्र हो जाता है इसलिए मंदिर परिसर में जूते चप्पल के साथ प्रवेश वर्जित किया जाता है।
हमारे महापुरुषों और ज्योतिष सलाहकारों का मानना भी यह मानना है की यदि मंदिर के बहार से अगर जूते चप्पल चोरी होते है तो यह एक बहुत ही शुभ संकेत है। इसकी वजह से हमें नुक्सान तो होता है मगर विद्वानों का मानना है की जूते-चप्पल अगर मंदिर के बाहर चोरी होते है तो ये एक अत्यंत शुभ संकेत और शनिवार के दिन अगर चोरी हो जाते है तो ये सबसे अधिक शुभ संकेत माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार ये मान्यता है की हमारे पैरो में शनि ग्रहका अधिक प्रभाव रहता है और लगातार एक जूते चप्पल पहनने से उसमें नकारात्मक उर्जा एकत्रित हो जाती है जिसकी वजह से शनि का दुष्प्रभाव हमें देखने को मिलता है।
इसलिए ज्योतिष शास्त्र में ज्योतिष महोदय आपको शनि देव की कृपा पाने के लिए आपको चप्पल का दान में देने की सलाह देते है। शनिवार को चप्पल दान देने से शनि के प्रभाव से पूरी तरह की मुक्ति मिलती है। अगर मंदिर में आपकी चप्पलो की चोरी हो जाये तो ज्यादा दु:खी न हो ये आपके लिए अच्छा है और इससे शनि की कृपा ही समझ सकते है। इससे आपको शांति तो मिलेगी ही साथ में आपके मन को भी शांति जरुर मिलेगी।
नोट: कृपा कर अपने जूते चप्पलों का ध्यान रखें और संभव हो सके तो गरीबों को दान करके शनि भगवान से प्रार्थना करें की वो आप पर भी कृपा दृष्टि बनाये रखें.
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