अध्यात्म त्यौहार-व्रत

श्री हनुमान जन्मोत्सव

Written by Bhakti Pravah

श्री हनुमान जी जन्म दिवस के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !

चैत्र मास की पूर्णिमा को हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है. इस बार ये पर्व कल 11 अप्रैल मंगलवार को है. चूंकि मंगलवार को हनुमानजी का ही दिन माना जाता है इसलिए इस शुभ योग में यदि कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो हर परेशानी दूर हो सकती है. लगभग 120 वर्षों के बाद विशेष रूप से श्री हनुमान जी जन्म दिवस पर गजकेसरी योग बन रहा है. त्रेता युग में हनुमान जी के जन्म दिन पर जो योग बने थे करीब करीब वही योग इस बार कल 11 अप्रैल को मिलने जा रहे हैं.

श्री हनुमान जन्मोत्सव पर किये जाने वाले उपाय –

1. किसी हनुमान मंदिर में जा कर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने एक सरसों के तेल का व एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं. इसके बाद वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमानजी की कृपा पाने का ये एक अचूक उपाय है.

2. सुबह स्नानोपरान्त अपने घर मे श्री राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें. इसके बाद हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं. जीवन में यदि कोई समस्या है, तो उसका निवारण करने के लिए प्रार्थना करें. समस्या का निवारण होगा.

3. जिन लोगों को साढ़ेसाती चल रही है व जिनको शनि की ढाई साल की धैया चल रही है उन लोगों को कल हनुमान जी के मंदिर पर तेल का दीपक जलाना चाहिए. तथा ओम हं हनुमते नमः मंत्र का जप करना चाहिए. इससे कई प्रकार की बाधा दूर होगी. हनुमान जी को प्रसन्न करने से शनि महाराज प्रसन्न होंगे.

4. हनुमान जन्मोत्सव (11 अप्रैल) पर हनुमानजी को चोला चढ़ाएं. चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का उपयोग करें. साथ ही, चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जला कर रख दें. दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें. चोला चढ़ाने के बाद हनुमानजी को गुलाब के फूल की माला पहनाएं और केवड़े का इत्र हनुमानजी की मूर्ति के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें. अब एक साबुत पान का पत्ता लें और इसके ऊपर थोड़ा गुड़ व चना रख कर हनुमानजी को भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद उसी स्थान पर थोड़ी देर बैठकर तुलसी की माला से नीचे लिखे मंत्र का कम से कम 5 माला जप अवश्य करें.

मंत्र- राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे.
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने.

अब हनुमानजी को चढाए गए गुलाब के फूल की माला से एक फूल तोड़ कर, उसे एक लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन स्थान में रखें. इससे धन संबंधी समस्या हल होने के योग बनने लगेंगे.

5.  हनुमान जन्मोत्सव (11 अप्रैल) मंगलवार की सुबह स्नान करने के बाद बड़ (बरगद) के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ स्वच्छ पानी से धो लें. अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें. अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें. साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा. अगली होली पर इस पत्ते को किसी नदी में प्रवाहित कर दें और इसी प्रकार से एक और पत्ता अभिमंत्रित कर अपने पर्स में रख लें.

6.  हनुमान जन्मोत्सव (11 अप्रैल) पर अपने घर में पारद से निर्मित हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित करें. पारद से निर्मित हनुमान प्रतिमा को घर में रखने से सभी प्रकार के वास्तु दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं, साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है. प्रतिदिन इसकी पूजा करने से किसी भी प्रकार के तंत्र का असर घर में नहीं होता और न ही साधक पर किसी तंत्र क्रिया का प्रभाव पड़ता है. यदि किसी को पितृदोष हो, तो उसे प्रतिदिन पारद हनुमान प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए.

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