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पौराणिक शास्त्रों के अनुसार शनि अमावस्या के उपाय

Written by Bhakti Pravah

पौराणिक शास्त्रों के मुताबिक शनिवार के दिन आने वाली अमावस्या को शनि अमावस्या कहते हैं। यह दिन शनि भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। इस दिन शनिदेव अपने भक्तों पर कृपा बरसाकर उन्हें पापों व कष्टों से भी मुक्ति दिलाते हैं।

उपाय-

भविष्यपुराण में ऐसा उल्लेख है कि शनि अमावस्या के दिन शनि का पूजन विशेष फलदायी होता है। शनि देव के अच्छे फल प्राप्त करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव का विधिवत पूजन कर पर्याप्त लाभ उठा सकते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए यहां बताए गए उपाय सभी जातकों को सफलता दिलाएंगे।

1. – उड़द दाल की खिचड़ी दान करें।
2. – तिल से बने पकवान, उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें।
3. – काले रंग का श्वान इस दिन से पालें और उसकी सेवा करें।
4. – शनि अमावस्या के दिन या रात्रि में शनि चालीसा का पाठ, शनि मंत्रों का जाप एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।
5. – अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
6. – शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
7. – इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें। जो फल प्रदान करता है।
8. – इस दिन पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

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