ज्योतिष

राहु को शांत करने के उपाय

Written by Bhakti Pravah

ज्‍योतिषशास्‍त्र के अनुसार राहु को पाप ग्रह माना गया है. राहु के अशुभ स्‍थान में होने पर यह जातक को अत्‍यंत परेशान करता है. लाल किताब के अनुसार यदि कुंडली में राहु अशुभ स्‍थान में विराजमान है तो वह जातक को संतान प्राप्‍ति और धन प्राप्‍ति में अड़चनें उत्‍पन्‍न करता है. इसके प्रभाव में धन हानि के योग भी बनते हैं.

 यदि राहु प्रथम भाव में बैठा हो तो जातक को को 400 ग्राम सूरमा, नारियल, सत्तू व दूध के मिश्रण को बहते जल में प्रवाह करना चाहिए.

 दूसरे भाव में राहु का शुभ फल पाने हेतु जेब में चांदी रखें, ससुराल पक्ष से कोई भी विद्युत उपकरण ना लें एवं अपनी माता से उचित व्‍यवहार करें.

 यदि कुंडली में राहु तीसरे भाव में बैठा है तो उसे शांत करने हेतु ध्‍यान रखें कि घर में किसी भी जानवर की चमड़ी न रखें.

 अगर तीसरे भाव में राहु की पीड़ा शांत करनी हो तो जातक चांदी के आभूषण धारण करे एवं 400 ग्राम धनिया या बादाम बहते जल में प्रवाहित करें.

 यदि पांचवें भाव में राहु अशुभ फल दे रहा है तो अपने पास हाथी की मूर्ति रखें और मास-मदिरा का त्‍याग करें.

छठे भाव में राहु की पीड़ा शांत करने के लिए घर में काला कुत्‍ता रखें एवं भाई-बहन से झगड़ा न करें.

 सातवें भाव में राहु से पीडित जातकों को 21 वर्ष से पूर्व विवाह न करने की सलाह दी जाती है.

कुंडली में आठवें भाव में राहु के शुभ फल पाने के लिए चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें। सोते समय तकिये में सौंफ रखने से भी फायदा होता है.

 यदि नौवें भाव में राहु परेशान कर रहा है तो जातक को केसरिया तिलक लगाना चाहिए और सोने के आभूषण धारण करना चाहिए. घर में कुत्‍ता पालने से भी फायदा होता है.

दसवें भाव में अगर राहु ग्रह से हानि हो रही हो तो जातक को काले एवं नीले रंग की टोपी पहनने की सलाह दी जाती है.

ग्‍यारहवें भाव में राहु हावी हो रहा है तो जातक लौह-धातु धारण करे और किसी से भी कोई विद्युत उपकरण उपहार में ग्रहण न करें.

राहु बारहवें भाव में होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो सोने से पहले तकिये में सौंफ और खाण्ड रखने की सलाह दी जाती है.

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