पूरन पोली – Pooran Poli एक लोकप्रिय व प्रोटीन युक्त भोजन है। इसमें भरे जाने वाला मीठा भरावन पूरन कहलाता है। पूरे भारत में यह लोकप्रिय है। विशेष कर बच्चों को पूरन पोली बहुत पसंद आती है। गुजरात , महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारत में थोड़े से परिवर्तन के साथ इसका अलग प्रकार से आनंद लिया जाता है। यह तुअर दाल या चने की दाल से बनाई जाती है। फ्लेवर के लिए इलायची या जायफल का उपयोग होता है। दक्षिण भारत में इसमें नारियल भी डाला जाता है। तो आइये जानते है कैसे बने जाती है पूरण पोली…
पूरन पोली बनाने की सामग्री:
अरहर (तुअर ) की दाल 1 कप
चीनी 1 कप
इलायची 3 पीस
खसखस 1 /2 चम्मच
जायफल पाउडर 2 चुटकी
घी आवश्यकतानुसार
गेँहू का आटा 2 कटोरी
पानी आवश्यकतानुसार
पूरनपोली बनाने की विधि :
— गेंहू के आटे में दो चम्मच घी डालकर हाथ से अच्छी तरह मिक्स करें इसके बाद पानी डालकर आटा गूथ लें। आटा रोटी के आटे से थोड़ा सख्त होना चाहिए। आटा लगाकर मलमल के गीले कपड़े में लपेट कर आधे घण्टे के लिए रख दें।
— अरहर की दाल को धोकर तीन घण्टे के लिए पानी में भिगो दें। भीगी हुई दाल और डेढ़ कप पानी कुकर में डालकर दो -तीन सिटी होने तक पका लें।
— कुकर ठंडा होने पर दाल को छानकर पानी अलग कर लें।
— दाल ठंडी होने पर ग्राइंडर में बारीक पीस लें।
— कढाई में एक चम्मच घी गरम करके दाल का पेस्ट व चीनी डालकर लगातार हिलाते हुए पकाएँ ।
— पूरन जब गाढ़ा हो तब तक पकाना हैं यदि पूरन के बीच में कलछी सीधी खड़ी हो जाये, तो समझें की पूरन तैयार हैं और यदि कलछी नीचेगिर जाये तो पूरन को थोड़ी देर ओर पकाएँ ।
— अब इसमें इलायची पाउडर , पिसा हुआ जायफल और खसखस डालकर हिला लें।
— पूरन को थाली या प्लेट में निकालकर ठंडा होने दें।
— अब आटे की पलोथन लगाकर छोटी चार इंच की रोटी बेलें।
— इसमें दो चम्मच पूरन भरकर लोई का मुंह बन्द कर दें।
— हाथ से दबाते हुए थोड़ा बड़ा कर लें फिर इसे बेलन से बड़ी व गोल बेल लें।
— तवा गरम होने पर पूरनपुरी को धीमी आंच पर दोनों तरफ से सुनहरा सेंक लें।
— पूरनपुरी सिक जाने के बाद चपाती की तरह इस पर एक तरफ घी लगाकर परोसें।
— स्वदिष्ट पूरनपोली तैयार हैं इसे आप श्री खण्ड ,चटनी , अचार या दही आदि के साथ परोस सकते हैं।
पूरन पोली बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें
— शक्कर की जगह गुड़ भी डाल सकते हैं। यदि गुड़ से बनानी हो तो कढ़ाई में घी गर्म होने के बाद पहले बारीक कटा गुड़ डालकर इसमें दाल का पेस्ट डालें।
— पूरन बनाते समय ध्यान रखें की कढ़ाई के तले में चिपक न जाए।
— पूरन बनाते समय यदि पूरण बहुत अधिक ढीला लगे तो दो चम्मच आटे में थोड़ा घी मिलाकर इसे पूरन में मिला दें और थोड़ी देर इसको थोड़ा और सेक लें । इससे पूरन सही हो जाता है।
— पूरन भरने के बाद हाथ से दबाते हए थोड़ा बड़ा करें फिर बेलन से बेलने से सारा पूरन एकसार हो जाता है व पूरनपोली फटती भी नहीं हैं।
— आप चाहें तो पूरी के आटे में नमक डाल सकते हैं।
— पूरन को बनाकर फ्रिज में रखकर दो तीन दिन तक काम में ले सकते हैं।
— पूरन बनाने के लिए चने की दाल का भी उपयोग कर सकते हैं। यदि चने की दाल से पूरन बना रहे हों तो कुकर की 5-6 सिटी होने तक पकायें। चने की दाल पकने में थोड़ा अधिक समय लगता है।
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Recipe Credit : Kaushal Jangid (Ajmer)
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