त्यौहार-व्रत

नवरात्री में क्या दान करे

Written by Bhakti Pravah

प्रथम नवरात्र : – मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी और कन्याओ को फूल की भेंट देना शुभ होता है।

द्वितीय नवरात्र : – मां को शक्कर का भोग लगाएं और कन्याओ को फल देकर पूजन करें, याद रखें कि फल खट्टे ना हो।

तृतीय नवरात्र : – दूध या दूध से बनी मिठाई का भोग माँ को लगाकर ब्राह्मण को दान करें और कन्याओ को हाथ की बनी खीर, हलवा या केशरिया चावल बना कर खिलाए।

चतुर्थ नवरात्र : – माँ को मालपुए का भोग लगाएं और मंदिर के ब्राह्मण को दान दें तथा कन्याओ को वस्त्र देने का महत्व है, रूमाल या रंगबिरंगे रीबन दिए जा सकते हैं।

पंचम नवरात्र : – मां को केले का नैवैद्य अर्पित करे और कन्याओ को पाँच प्रकार की श्रृंगार सामग्री अर्पित करे।

षष्ठं नवरात्र : – मां को शहद का भोग लगाएं और कन्याओ को खेल-सामग्री देना चाहिए।

सप्तम नवरात्र : – मां को गुड़ का नैवेद्य अर्पित करे व उसे ब्राह्मण को दान करे और कन्याओ को शिक्षण सामग्री दी जानी चाहिए।

अष्टम नवरात्र : – माँ को नारियल का भोग लगाएं व नारियल का दान कर दें और कन्याओ का अपने हाथों से श्रृंगार करे, दूध से पैर धोये, पैरों पर अक्षत, फूल और कुंकुम लगाना चाहिए और भोजन करवाकर यथा शक्ति कुछ भी अर्पित करे।

नवम नवरात्र : – माँ को तिल का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान दें और कन्याओ को दूध से बनी पुरिया – खीर अर्पित करे, हाथो में मेहँदी लगाये और अंत में, पान में इलायची डाल कर अपने हाथो से दे। प्रार्थना करे। व विजय दशहरा मनाये।

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