हम अक्सर छोटी-मोटी बीमारियों से पीड़ित हो जाते हैं, और ऐसे में डॉक्टर के पास जाना पड़ता है. फिर डॉक्टर की फीस के अलावा बहुत सारी दवाइयों का खर्चा भी उठाना पड़ता है. सर्दी-खांसी, गले की खराश, सरदर्द, बदन दर्द जैसी छोटी-मोटी बीमारियों से तो घर में रोज़ ही कोई न कोई ग्रस्त होता है| ऐसे में रोज़-रोज़ डॉक्टर के पास जाने की बजाय हम कुछ घरेलू उपचार कर के भी बीमारी को दूर भगा सकते हैं| ऐसे कई घरेलू उपचार हैं, जिन्हें आजमाने की सलाह आयुर्वेदिक चिकित्सक देते हैं| रसोई में मौजूद मसालों व खाने-पीने की चीजों से भी आयुर्वेदिक उपचार हो जाते हैं और कम खर्चे में ही रोगी भला-चंगा भी हो जाता है| सिर्फ कुछ रुपयों में मिलने वाले नमक और पानी से भी कई बीमारियों का उपचार हो सकता है| आईये जानते हैं, कि नमक और निवाये पानी से गरारे करने के क्या फ़ायदे होते हैं|
• नमक और निवाये पानी से गरारे करने से गले में मौजूद गंदगी पूरी तरह साफ़ हो जाती है| इस तरह के पानी से कुल्ले करने से मुंह की भी पूरी तरह से सफाई हो जाती है| यह एक तरह से माउथ वाश का काम करता है|
• अगर गले में सर्दी-जुकाम, खराश, या किसी भी अन्य कारण से दर्द हो रहा हो, तो नमक और निवाये पानी से गरारे करने पर गले के दर्द में राहत मिलती है| ऐसा करने की सलाह डॉक्टर भी देते हैं| नमक और निवाये पानी से गले के अंदर सूजे हुए टिशूज़ की सिंकाई हो जाती है और बैक्टीरिया भी नष्ट होते हैं| टॉन्सिल्स की समस्या होने पर इस तरह से गरारे करने से तुरंत राहत मिलती है|
• नमक और निवाये पानी से गरारे करने से आवाज़ भी सुरीली होती है| जल्दी लाभ के लिए कम से कम 2-4 बार मतलब कुछ घंटो के अंतराल पर या सुबह-शाम गरारे करने चाहिए|
• अगर दांतों में या मसूड़ों में दर्द हो, सूजन हो, कीड़े हो गए हों या किसी भी तरह का इन्फेक्शन हो तो नमक और निवाये पानी से कुल्ले करने से दर्द और सूजन से तुरंत राहत मिलती है|
• इस तरह के पानी से कुल्ले करने से मुंह के छालों, जीभ का लाल होना, मुंह में ज़्यादा पानी/ थूक आना व मुंह की कई अन्य समस्याओं से भी राहत मिलती है|
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