अंकशास्त्र ब्रह्मांड में मौजूद ग्रहों को अपना आधार बनाकर मनुष्य के जीवन की गणना करता है। यह शास्त्र सदियों पुराना होने के बावजूद भी पूरी तरह से वैज्ञानिक है। स्वयं विज्ञान भी इसकी पैरवी करता है और इसके द्वारा दिए हुए निष्कर्ष का आदर करता है।
इस आधार पर अंकशास्त्र की मदद से हमारा स्वास्थ्य कैसा रहता है और आने वाले समय में हमारे जीवन पर कैसा प्रभाव डाल सकता है, यह सभी तथ्य जाने जा सकते हैं। केवल जरूरत है तो आपके जन्म की तारीख की। जन्म तारीख के आधार पर आप आसानी से जान सकते हैं कि आपका स्वास्थ्य कैसा रहेगा, और यदि कोई कठिनाई है तो उसे कैसे हल किया जा सकता है।
अंकशास्त्र में सबसे पहला अंक 1 सूर्य ग्रह का प्रतीक माना जाता है। सूर्य की तरह चमकदार और आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं अंक 1 वाले लोग। जो भी व्यक्ति 1, 10 (1+0), 19 (1+9=10, 1+0=1) या 28 (2+8=10, 1+0=1) तारीख को जन्मा हो, उसका मूलांक 1 होता है। इस तारीख को जन्म लेने वाले लोगों को अकसर बढ़ते रक्तचाप, हृदय रोग और घबराहट महसूस होती है। परंतु फिर भी इन लोगों में जीने की शक्ति अधिक होती है।
इन तकलीफों से बचने के लिए आपको केवल साधारण आहार लेना चाहिए। किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों, जैसे कि सिगरेट का सेवन ना करें और जितना हो सके खुद को आराम दें। शहद, ड्राय फ्रूट, संतरा, सेब, अदरक, केसर, अश्वगंधा आदि का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद है। आपके लिए अक्टूबर, दिसंबर और जनवरी का महीना लाभकारी सिद्ध होता है।
तारीख 2, 11, 20 और 29 को जन्मे हुए लोग चंद्रमा ग्रह से सम्बन्ध रखते हैं। आमतौर पर चंद्रमा से जुड़े लोगों को खाने-पीने से जुड़ी तकलीफें, गठिए की दिक्कत, चक्कर आना, पेट या पीठ दर्द, कमज़ोर महसूस करना, खांसी-ज़ुकाम रहना, आंखों की तकलीफ और दांतों में ज्यादा दिक्कतें होती
ऐसे लोग किस तरह के वातावरण में रहते हैं इसका इन पर भारी मात्रा में प्रभाव पड़ता है। इन्हें सभी मौसमी फल-सब्जियां, गाजर और अन्य पौष्टिक आहार लेना चाहिए। खुद को तरोताज़ा रखने के लिए नकारात्मक ऊर्जा वाली जगहों से खुद को जितना हो सके, दूर ही रखें। जनवरी, फरवरी और जुलाई का महीना आपके लिए कुछ ठीक नहीं है।
3, 12, 21 और 30 तारीख को जन्म लेने वाले लोग बृहस्पति ग्रह के अधीन होते हैं। यह ग्रह विशाल और ताकतवर होता है, लेकिन फिर भी सेहत सम्बन्धित तकलीफें इनका भी पीछा नहीं छोड़तीं। बृहस्पति ग्रह का व्यक्ति के लीवर, फेफड़े, नसों और अंतड़ियों पर नियंत्रण होता है।
ऐसे लोगों को पेट में गैस, जोड़ों का दर्द, खांसी, हृदय रोग और त्वचा सम्बन्धित तकलीफें भी होती हैं। इन्हें ज्यादा से ज्यादा फल खाने चाहिए और बादाम इनके लिए फायदेमंद है। फरवरी, जून, सितंबर और दिसंबर का महीना इनके लिए बेहतर साबित होता है।
अंक 4 वालों का कनेक्शन राहु ग्रह के साथ है। 4, 13, 22 और 31 तारीख को जन्म लेने वालों को खुद स्वास्थ्य सम्बन्धित तकलीफें महसूस नहीं होतीं, लेकिन कुछ समय के बाद उनका शरीर अपने आप उन्हें संकेत देना शुरू कर देता है।
इन्हें ज़ुकाम, सांस की तकलीफ, बवासीर, कब्ज, ट्यूमर, रक्तक्षीणता और मूत्रीय एवं गुरदे से सम्बन्धित तकलीफें हो सकती हैं। यदि इनसे बचना है तो इन्हें कम मसाले वाला और सादा खाना लेना चाहिए। हरी सब्जियां और खासतौर पर शाकाहारी भोजन ही इनके लिए सही है। जनवरी, फरवरी, जुलाई, अगस्त और सितंबर इनके लिए अच्छे महीने नहीं हैं।
यदि किसी का जन्म 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है तो उसका मूलांक 5 तथा ग्रह बुध है। बुध ग्रह का नियंत्रण व्यक्ति के विचार, नाक, हाथों और शरीर की नाड़ियों पर रहता है। अंक 5 वाले इंसान को सोने में परेशानी होती है, डायबिटीज, डिप्रेशन, ट्यूमर, हकलाना, घबराहट, हाथों में गठिया और चक्कर आने जैसी दिक्कतें होती हैं।
इन सबसे बचने का सबसे आसान तरीका है समय पर खाना खाएं और पूरी नींद लें। गाजर, मूली, नारियल, हरी-सब्जियां, दालें, यह सब कुछ अंक 5 वाले व्यक्ति को लेना चाहिए। इनके लिए जून, सितंबर और दिसंबर का महीना ठीक नहीं है।
तारीख 6, 15 और 24 को जन्में लोगों का ग्रह शुक्र है। शुक्र ग्रह से नाता रखने वालों की चमकती किस्मत को देख दुनिया भी सलाम करती है। लेकिन तकलीफें इनके लिए भी कम नहीं हैं। इन्हें फेफड़े, कण्ठ, नाक और सिर की तकलीफें होती हैं। मूत्र सम्बन्धित रोग भी इन्हें आसानी से पकड़ लेते हैं।
अंक 6 वाले लोग ज़िंदगी में घूमना-फिरना और विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण रखने के लिए प्रसिद्ध होते हैं। यदि यह इस पर काबू पा लें तो इनकी बीमारियां भारी संख्या में कम हो सकती हैं। फिर भी सलाह के तौर पर इन्हें हरी सब्जियां, खीरा, सेब, अनार, बादाम, सलाद और चावल खाने चाहिए। मांसाहारी खाना इनके लिए ठीक नहीं है। पूरे वर्ष में मई, अक्टूबर और नवंबर को छोड़ बाकी सभी महीने इनके लिए अच्छे हैं।
7, 16 और 25 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 7 और ग्रह केतु है। वैसे तो इनकी ज़िंदगी में तकलीफें कम ही होती हैं लेकिन इनकी निरंतर चिंता करते रहने की आदत ही इनकी सबसे बड़ी दुश्मन है। इन्हें अपने दिमाग को आराम देना चाहिए और गुस्से पर भी काबू पाना चाहिए।
कण्ठ में सूजन, नाक और आंखों सम्बन्धित तकलीफ और साथ ही त्वचा रोग भी इन्हें पकड़ लेते हैं। इन्हें हमेशा साफ वातावरण में रहना चाहिए। स्वच्छ पानी, सादा आहार, फलों का रस, सेब, अंगूर, खीरा, गोबी, चीकू, इत्यादि इनकी जरूरत है। इनके लिए जनवरी, फरवरी, जुलाई और अगस्त का महीना ठीक नहीं है।
यदि आपका जन्म 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 8 और ग्रह शनि है। रक्त सम्बन्धित संक्रमण इन्हें जल्दी पकड़ लेता है। इसके अलावा मिरगी, रक्त की कमी, पीलिया, सुनने में तकलीफ, कुष्ठरोग, ग्रंथों में सूजन, दांत में तकलीफ इन्हें हो जाती है।
स्वच्छ वातावरण इनका परम अधिकार है। साफ-सुथरे तरीके से बनाया हुआ सादा खाना और सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करना इनकी लिए एक जरूरी सलाह है। दिसंबर, जनवरी और फरवरी का महीना इन्हें कष्ट देता है।
अंकशास्त्र में आखिरी अंक है ‘9’ जो मंगल ग्रह का प्रतीक है। 9, 18 और 27 तारीख को जन्म लेने वाले व्यक्ति का मूलांक 9 है। मंगल ग्रह इनके सिर, चेहरे, गुरदे, घुटने, कच्छ, मूत्राशय, प्रजनन अंगों, ह्रदय और रक्त संचालन से जुड़ा है।
अंक 9 वाले इंसान को ट्यूमर, स्माल पॉक्स, चेचक, हर तरह का बुखार, सिर दर्द, यौन सम्बन्धित तकलीफ और रक्त चाप बढ़ने की दिक्कत होना आम है। इन्हें शांत और चिंता मुक्त रहना चाहिए। अदरक, प्याज़, लहसुन, हरी मिर्ची और नारियल का किसी भी रूप में सेवन इनके लिए फायदेमंद है। इन्हें अप्रैल, मई, अक्टूबर और नवंबर के महीने में अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना चाहिए।
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