स्वास्थय

मन की शांति के उपाय

Written by Bhakti Pravah

मन बड़ा चंचल होता है। हर पल बदलता रहता है कभी कहीं तो कभी कहीं। विचलित मन से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। और मन अशांत रहता है। वर्तमान में कई रोगों की वजह से भी मन अशांत रहता है। जिस तरह बाजार में नई-नई चीजें आ रहीं है वैसे-वैसे बीमारियां भी बढ़ती जा रही हैं और इस वजह से भी मन अशांत रहता है। डीपे्रशन, मिर्गी, श्वेतप्रदर, बल्ड प्रेशर, डायबिटीज, दमा, एसीडीटी, जैसे कई रोगों के कारण मन में अशांति रहती है। मन अशांत है तो जीवन सुखी नहीं रहेगा। सेहत खराब होने की वजह भी मन की अशांति है, मन का शांत न रहना ही असफलता का सबसे बड़ा कारण है। जिसमें मन और प्राणों का तालमेल नहीं बैठता है। लेकिन प्राचीन काल में संतों ने मन को शांत करने के एैसे उपाय बता दिये थे जो वर्तमान में सौ फीसदी काम करते हैं। वैदिक वाटिका कुछ एैसे उपायों को आपके सामने रखेगा और जो व्यक्ति मन शांत करने के लिए इन उपायों को प्रयोग करेगा वे इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें।

आहार पर करें नियंत्रण
मन वश में करने के लिए जो सबसे पहला उपाय है वो है आहार पर नियंत्रण करना। जैसे हो अन्न वैसा हो मन। भोजन ही इंसान की मानसिकता को बताता है। साथ ही मानसिकता का निर्माण भी करता है। भोजन शुद्ध और सात्विक ही करना चाहिए। भोजन अधिक करने से बचें। अधिक भोजन से अपच होती है जो मन को खराब करती है और मन में अशांति को बढ़ाती है। इसलिए भूख से कम ही खाना खायें। भोजन को समय पर करने की आदत डालें। और तला हुआ, भारी आहार से बचें। पेट हमेशा साफ रखें। कोई भी काम बिना अभ्यास के पूरा नहीं होता है इसलिए आप अपनी आदतों में बदलाव लायें। टी .वी, रेडियों, समाचार पत्रों को पढ़ने में मन न अधिक न लगायें। इससे आपको व्यर्थ की चिंता मिलेगी।

मन पर रखें आसन से नियंत्रण
मन सभी इन्द्रियों का स्वामी होता है। और मन पर प्राणों का नियंत्रिण होता है। इसलिए मन का स्वामी प्राण है। मन को नियंत्रित करने के लिए मयूरासन, पद्मासन, सिद्धासन, स्वांगासन, वज्रासन आदि का अभ्यास करना चाहिए यह मन की एकाग्रता के लिए बेहद जरूरी है। किसी भी आसन को करने के 25-30 मिनट बाद ही किसी आहार का सेवन करें। खाली पेट आसन करें। कोई भी आसन किसी योगी के ही निर्देशों के अनुसार ही करें। योग के जरिए मन को शांत किया जा सकता है।

त्राटक करें
मन को शांत और वश में करने के लिए त्राटक क्रिया सबसे महत्वपूर्ण होती है। प्राचीन समय में ही हमारे ऋषी त्राटक के जरिए ही अपने मन को वश में करते थे। त्राटक में आप आपने गुरू, भगवान या सबसे प्रिय की तस्वीर को एक टक लगाकर देखने का प्रयास करें और धीरे-धीरे इस अभ्यास को बढ़ाते रहें। फिर अपनी आंखों को बंद करके उसी तस्वीर को अपने भौंहों के मध्य में रखकर ध्यान लगावें।

करें आत्मचिंतन
हमेशा अच्छा सोचें। जैसे मैं स्वस्थ हूं, तन्दुरूस्त हूं…. मुझे कोई बीमारी नहीं है। बीमार तो शरीर होता है मन नहीं, मैं एक निर्विकार आत्मा हूं। हर दिन खुश रहने का प्रयास करें। किसी बंद कमरे में जोर-जोर से हंसे। भजन-कीर्तन आदि करें। एैसा करने से मन शांत तो होगा है साथ ही आपकी उम्र भी लंबी होगी।

इन बातों को पालन जो इंसान पूरी दृढ़ता से करता है। उसका मन कभी विचलित नहीं होता। वैदिक काल में ही साधक आपने मन को नियत्रित करने के लिए इन्ही विधियों को अपनाते थे। जिस वजह से वे लंबे समय तक सुखी होकर जीवन जीते रहे। वे मन को पूरी तरह से अपने वश में कर लेते थे । आपको भी मन को वश में लाने के लिए इन नियमों का पालन करना चाहिए ताकि आपकी आयु और धन दोनो में बढ़ोत्तरी हो।

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