ज्योतिष

लाल किताब के अनुसार ऋण के प्रकार और उपाय

Written by Bhakti Pravah

लाल किताब के अनुसार ऋण कुण्डली की बहुत बडी कमजोरी माने जाते हैं। पूर्वजों का ऋण मतलब अपने पूर्वजों और पितरों के द्वारा किए गए Gपापों से प्रभावी होगा। दूसरे शब्दों में किसी और के द्वारा की गई गलतियों की सजा रिश्तेदारों को भुगतनी या वहन करनी पडती। यदि किसी की कुण्डली में वास्तव में ऋण होते हैं तो जैसे किसी एक की कुण्डली में दिखता है वैसे ही अन्य रिश्तेदारों की कुण्डली में भी पाया जाता है।

सामान्यत: पूरा परिवार ही ऋण से प्रभावित होता है। इसलिए इनके उपाय पूरे परिवार के सहयोग से करेने पडते हैं। यदि किसी की कुण्डली में ग्रह राजयोग का निर्माण कर रहे हों और वही ग्रह ऋण संबंधी योग का गठन भी कर रहे हों तो केवल बुरे फल ही मिलते हैं।

पितृ ऋण

पितृ ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब किसी कुण्डली में शुक्र, बुध या राहू दूसरे, पांचवें, नौवें अथवा बारहवें भाव में हों तो जातक पितॄ ऋण से पीडित होता है।

पितृ ऋण के कारण:
घर पितरो या बडों ने पारिवारिक पुजारी बदला होगा।

पितृ ऋण के संकेत:
घर के पास में किसी मंदिर में तोड फोड हुई होगी या कोई पीपल का पेट काटा गया होगा।

पितृ ऋण के उपाय:
1. परिवार के सभी सदस्यों से सिक्के के रूप में पैसे इकट्ठा करें और किसी दिन पूरे पैसे मंदिर में दान कर दें।
2.यदि आपके पडोस या घर में कोई पीपल का पेड हो तो उसे पानी दें और उसकी सेवा करें।

स्वय ऋण

स्वय ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब किसी की कुण्डली में शुक्र, शनि, राहु या केतु पाँचवें भाव में स्थित हों, तो जातक स्‍वयं के ऋण से पीडित माना जाता।

स्वय ऋण के कारण:
आपके पूर्वजों या पितरो नें परिवार के रीति-रिवाज़ों और परम्पराओं को नहीं माना होगा अथवा उन्होंने परमात्मा पर विश्वास नहीं किया होगा।

स्वय ऋण के संकेत:
घर के नीचे आग की भट्ठियां होंगी या छ्त में सूर्य की रोशनी आने के लिए बहुत सारे छेद होंगे।

स्वय ऋण के उपाय:
1. सभी संबंधियों के सहयोग से बराबर-बराबर पैसे इकट्ठा करके यज्ञ कराना चाहिए।

मातृ ऋण

मातृ ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब केतू कुण्डली के चौथे भाव में हो तो कुण्डली को मातृ ऋण से प्रभावित या ग्रसित माना जाता है।

मातृ ऋण के कारण:
इस तथ्य के पीछे कारण यह हो सकता है कि आपके पूर्वजों ने किसी मां को उपेक्षित किया हो या उसके साथ अत्याचार किया हो अथवा बच्चे के जन्म के बाद मां को उसके बच्चे से दूर रखा हो, या हो सकता है कि किसी माँ की उदासी को अनदेखा किया हो।

मातृ ऋण के संकेत:
पास के कुंए या नदी की पूजा करने के बजाय उसे गंदगी और कचरा डालने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा होगा।

मातृ ऋण के उपाय:
अपने सभी रक्त (सगे) संबंधियों से बराबर-बराबर मात्रा में चांदी लेकर किसी नदी में बहाएं। यह काम एक ही दिन करना है।

पत्नी ऋण

पत्नी ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब सूर्य, चन्द्र या राहु कुण्डली के दूसरे अथवा सातवें भाव में हो, तो कुण्डली को स्त्री-ऋण से ग्रसित माना जाता है।

पत्नी ऋण के कारण:
आपके लाल किताब कुंडली पर आधारित ऋण

पत्नी ऋण के संकेत:
घर में ऐसे जानवर होंगे जो दांत वाले हों जैसे कि गाय अथवा ऐसे जानवर जो समूह में न रहते हों।

पत्नी ऋण के उपाय:
अपने सभी रक्त (सगे) संबंधियों से बराबर-बराबर मात्रा में पैसे लेकर उससे 100 गायों को स्वादिष्ट चारा खिलाएं। यह काम एक ही दिन करना है।

सम्बंधी ऋण

सम्बंधी ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब बुध और केतू कुण्डली के पहले अथवा आठवें भाव में हो, तो कुण्डली को सम्बंधी-ऋण से ग्रसित माना जाता है।

सम्बंधी ऋण के कारण:
इसका कारण यह हो सकता है कि आपके पूर्वजों ने किसी की फसल या घर में आग लगाई हो, किसी को जहर दिया हो अथवा किसी की गर्भवती भैंस को मार डाला हो।

सम्बंधी ऋण के संकेत:
घर में किसी बच्चे के जन्मदिन, त्यौहारों या अन्य उत्सवों के समय अपने परिवार से दूर रहना अथवा रिश्तेदारों से न मिलना इस दोष के संकेतक हैं।

सम्बंधी ऋण के उपाय:
1. अपने सभी रक्त (सगे) संबंधियों से बराबर-बराबर मात्रा में पैसे लेकर उसे दूसरों की मदद के लिए किसी चिकित्सक को दें। 2. अपने सभी रक्त (सगे) संबंधियों से बराबर-बराबर मात्रा में पैसे लेकर उससे दवाएं खरीद कर धर्मार्थ संस्थाओं को दें।

पुत्री ऋण

पुत्री ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब चन्द्रमा कुण्डली के तीसरे या छठे भाव में हो, तो जातक को पुत्री ऋण से पीडित माना जाता है।

पुत्री ऋण के कारण:
पूर्वजों या पितरों के द्वारा किसी की बहन या बेटी की हत्या की गई होगी या उन्हें परेशान किया गया होगा।

पुत्री ऋण के संकेत:
खोए हुए बच्चों को बेचना या उससे लाभ कमाने का प्रयास किया गया हो।

पुत्री ऋण के उपाय:
1. सारे सम्बंधी पीले रंग की कौड़ियाँ खरीद कर, एक जगह इकट्ठी करके जलाकर राख कर दें और उस राख को उसी दिन नदी में बहा दें।

जालिमाना ऋण

जालिमाना ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब सूर्य, चन्द्रमा, मंगल कुण्डली के दसवें और ग्यारहवें भाव में हो, तो जातक को जालिमाना -ऋण से ग्रसित माना जाता है।

जालिमाना ऋण के कारण:
इसका कारण यह हो सकता है कि आपके पूर्वजों या पितरों ने किसी से धोखा किया होगा या उसे घर से बाहर निकाल दिया होगा और उसे गुजारे के लिए कुछ नही दिया होगा।

जालिमाना ऋण के संकेत:
घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में होगा अथवा घर की जमीन किसी ऐसे व्यक्ति से ली गई होगी जिसके पुत्र न हो या घर किसी सडक या कुएं के ऊपर निर्मित होगा।

जालिमाना ऋण के उपाय:
1. अलग-अलग जगह की सौ मछलियों या मज़दूरों को सभी परिजन धन इकट्ठा करके एक दिन में भोजन कराएँ।

अजन्मा ऋण

अजन्मा ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब किसी कुण्डली में सूर्य, शुक्र, मंगल बारहवें भाव में हो, तो जातक इस अजात-ऋण का भागी कहलाता है।

अजन्मा ऋण के कारण:
इसका कारण यह हो सकता है कि आपके पूर्वजों या पितरों ने ससुराल-पक्ष के लोगों को धोखा दिया होगा या किसी रिश्तेदार के परिवार के विनाश में भूमिका निभाई होगी।

अजन्मा ऋण के संकेत:
दरवाजे के नीचे कोई गंदा नाला बह रहा होगा या कोई विनाशित श्मशान होगा अथवा घर की दक्षिणी दीवार से जुडी कोई भट्ठी होगी।

अजन्मा ऋण के उपाय:
सभी परिजनों से एक-एक नारियल लेकर उन्हें एक जगह इकट्ठा करें और उसी दिन नदी में प्रवाहित कर दें।

कुदरती ऋण

कुदरती ऋण के लक्षण :
लाल किताब के अनुसार जब चन्द्रमा, मंगल कुण्डली के छठे भाव में स्थित हों, तो जातक इस कुदरती ऋण से ग्रसित माना जाता है।

कुदरती ऋण के कारण:
इसका कारण यह हो सकता है कि आपके पूर्वजों या पितरों ने किसी कि बेबस कुत्ते की तरह तहस नहस किया होगा।

कुदरती ऋण के संकेत:
किसी कुत्ते को गोली से मारना, दूसरे के बेटे को मारना अथवा या भतीजे से इतना कपट करना कि वह पूरी तरह बर्बाद हो जाय।

कुदरती ऋण के उपाय:
1. एक दिन में सभी परिजनों के सहयोग से सौ कुत्तों को मीठा दूध या खीर खिलानी चाहिए।

2. अपने पास में रहने वाली उस विधवा स्त्री की सेवा करके उससे आशीर्वाद प्राप्त करना करें जो कम उम्र में ही विधवा हुई हो।

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