अध्यात्म

जानें क्यों माता सीता को रखा गया था अशोक वाटिका में

Written by Bhakti Pravah

भगवान विष्णु के अवतार एवं मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के प्रति भक्तों की अपार श्रद्धा है| श्री राम का जीवन हमेशा धर्म के मार्ग पर चलना और मर्यादाओं का पालन करने का उपदेश देता है| श्री राम की पत्नी सीता ने भी अपने पतिव्रता धर्म का पालन किया है| लंकेश्वर रावण की कैद में होते हुए भी कभी रावण माता सीता के पास जाने का दुस्साहस नहीं कर पाया|

परन्तु एक बात बहुत सोचने पर मजबूर करती है कि रावण एक राक्षस था जो ज़बरदस्ती माता सीता से विवाह कर सकता था या माता सीता को कष्ट पंहुचा सकता था लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया| यहां तक की माता सीता को महल में न रख कर रावण ने उन्हें अशोक वाटिका में रखा| पर ऐसा क्यों, आइये जानते हैं:-

इस प्रसंग के कई कारणों का विवरण किया गया है| प्रमुख कारण था नलकुबेर का रावण को दिया हुआ श्राप| एक बार रावण अपने विश्व-विजय अभियान के लिए स्वर्ग गया| वहां उसकी दृष्टि स्वर्ग की सबसे खूबसूरत अप्सरा रम्भा पर पड़ी| रावण उसकी ख़ूबसूरती से मोहित हो उसे पकड़ लिया|

रम्भा के रावण को समझने पर की वह उसके भाई के बेटे नलकुबेर की पत्नी बनने वाली है| अतः उसकी पुत्रवधु है, रावण ने उसकी एक न सुनी और उसके साथ दुर्व्यवहार किया| जब नलकुबेर को इस बात का पता चला तो वह क्रोध से भर गया| अतः नलकुबेर ने रावण को श्राप दिया कि भविष्य में वह कभी भी किसी स्त्री को उसकी स्वकृति के बिना छुएगा या महल में रखने का प्रयास करेगा तो वह अग्नि में भस्म हो जाएगा|

दूसरा कारण यह भी था कि रावण ने माता सीता का अपहरण किया ताकि वह अपनी बहिन शूर्पणखा के अपमान का बदला ले सके न कि माता सीता से विवाह कर सके|

माना तो यह भी जाता है कि माता सीता असल में रावण की पहली पुत्री थी और यह भविष्यवाणी की गयी की यही पुत्री असुर प्रजाति के नाश का कारण बनेगी| इसीलिए रावण के मंत्रियों ने सीता को मरना चाहा परन्तु रावण ने अपनी पुत्री को एकांत जगह पर छोड़ दिया जहाँ से महाराज जनक ने उसे उठाया और मिथिला की राजकुमारी घोषित किया|

फिर जब रावण को पता चला कि उसकी पुत्री जीवित है और उसके स्वयंवर में केवल बल के आधार पर वर चुना जाएगा तब रावण ने उन पर नज़र रखनी शुरू की| जब रावण को ज्ञात हुआ कि माता सीता और श्री राम वन की ओर निकल गए है तब रावण आक्रोश में माता सीता को लंका ले आया और उन्हें अशोक वाटिका में रखा गया|

इसके आलावा अशोक वाटिका में वो सारे प्रबंध किये गए जिससे माता सीता की हर ज़रूरत पूरी हो| अशोक वाटिका में रावण की आज्ञा के बिना कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकता था और देवी सीता वहां सुरक्षित भी थीं|

Leave a Comment