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श्रीकृष्ण के पुत्र ने क्योँ किया इसका मंदिर का निर्माण

Written by Bhakti Pravah

जैसा की हम सभी जानते है की ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है की यदि भगवान सूर्य की आराधना और वंदना से हर इंसान के सभी कष्टों का निवारण होता है और दुसरे ग्रहों की शान्ति होती है। हमारे सनातन धर्म में उजाले और ऊर्जा के देव सूर्य भगवान को माना जाता है। इन्ही से संभंधित एक बात है जिसकी वजह से भगवान श्री कृष्णा के पुत्र साम्ब ने बनवाया था इस मंदिर को

यह मंदिर है बिहार के गया और नवादा की सीमा पर हन्दियाँ में निर्मित सूर्य नारायण मंदिर की यह मंदिर अपने आप में एक बहुत ही पौराणिक महिमा है, यह प्राचीन सूर्य मंदिर द्वापर युग के समय में भगवान श्रीकृष्ण के बेटे श्री साम्ब ने निर्मित करवाया था। कहा जाता है एक बार श्री कृष्णा के पुत्र साम्ब को गोपियों ने श्री कृष्णा समझ कर गोपियों के साथ लीला में शामिल हो गए थे जिसको देख भगवान श्री कृष्णा गुस्सा हो गए और उन्होंने श्राप वश साम्ब को कुष्ठ रोग होने का श्राप दे दिया और कहा की यदि इस श्राप से मुक्त होना चाहते हो तो १२ ऐसे मंदिरों का निर्माण करवाओ उन्हें में से एक मंदिर यह है

यहां पर स्थित सरोवर में यदि कोई भी इंसान पांच रविवार स्नान करता है तो उसके कुष्ठ रोग ठीक हो जाते है। इस मंदिर में लोग बहुत दूर दूर से और विदेशों से भी लोग इस मंदिर का दर्शन करने के लिए आते है साथ ही कई बार इसका परिक्षण भी किया गया और आज तक कोई यह समझ नहीं पाया की आखिर क्या कारण है जिसकी वजह से रोगों से मुक्ति मिल जाती है.

आशा करते है आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा, यदि आप बिहार रहते है तो जरुर इस मंदिर के दर्शन के लिए जाएँ.

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