कहा जाता है कि जहां बजरंगबाण का पाठ किया जाता है,वहां हनुमान जी स्वयं आ जाते हैं| क्यों है बजरंग बाण अचूक?
यदि आप पवनपुत्र श्रीराम के भक्त हैं तो आप श्रीराम का नाम लें और हनुमान जी आपकी मदद के लिए न आएं ऐसा नहीं हो सकता, क्योंकि बजरंग बाण में हनुमान जी के आराध्य श्रीराम की सौगंध दिलाई गई है| इसलिए जब आप श्रीराम के नाम की सौगंध उठाएंगे तो फिर हनुमान जी आपकी रक्षा करने ज़रुर आएंगे| बजरंग बाण में श्रीराम की सौगंध इन पंक्तियों में दिलाई गई है-
-भूत प्रेत पिशाच निसाचर।अगिन बेताल काल मारी मर
-इन्हें मारु,तोहिं सपथ राम की।राखु नाथ मर्याद नाम की।
-जनक सुता हरि दास कहावौ।ताकी सपथ विलम्ब न लावौ।
-उठु उठु चलु तोहिं राम दोहाई।पाँय परौं कर जोरि मनाई
कैसे पढ़ें बजरंगबाण?
-पहले गुरु और गणेश का ध्यान करें
-श्रीसीता राम का ध्यान करना करें
-हनुमान जी का ध्यान कर उनसे मनोकामना कहें
-बजरंगबाण के पाठ का संकल्प करें
-भगवान श्रीराम का कीर्तन करें फिर हनुमान चालिसा पढ़ें
कब पढ़ें बजरंगबाण?
-नौकरी में भयंकर मुश्किल हो….
-नौकरी छूट गई हो या छूटने वाली हो
-तंत्र मंत्र से किसी ने बाधा पहुंचाई हो
-संकट में कभी भी पढ़ सकते हैं बजरंगबाण
-ब्रह्ममुहूर्त और रात में सोने से पहले पाठ करने का बहुत फल मिलता है
-संकट से तुरंत मुक्ति दिलाता है
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