भगवान श्रीकृष्ण ने अपने जीवन में कई लीलाएं और बहुत से चमत्कार किये, श्री कृष्णा ने एक इंसान के रूप में जन्म जरुर लिया मगर इंसान का शरीर नश्वर होने के कारण एक न एक दिन तो शरीर त्यागना ही पड़ता है तो आइये जानते है क्या कारण थे जिनकी वजह से श्री कृष्णा को शरीर छोड़ना पड़ा…
पहला कारण यह की जब कौरवों और पांडवों का युद्ध समाप्त होने के पश्चात जब युधिष्ठिर के राजतिलक के समय कौरवों की माता गान्धारीं ने श्री कृष्णा को कौरवों की हार के लिए दोषी माना था, और यह श्राप दिया था की जिस प्रकार कौरव वंशनाश हुआ उसी प्रकार यदुवंशियों का भी नाश हो जायेगा. इसी श्राप के कारण श्रीकृष्ण द्वारका को छोड़कर, यदुवंशियों के साथ दुसरे क्षेत्र चले गए थे।
दूसरा कारण या था की जब श्रीकृष्ण के पुत्र सांब कुछ यदुवंशियों के साथ ऋषि दुर्वासा, वशिष्ठ और नारद के पास एक गर्भवती का रूप बनाकर पहुचे और उन्होंने कहा की उन्हें बच्चे के लिंग के बारे में जानना है। महाऋषि ने इस बात से क्रोधित होकर उन्हें श्राप दिया कि उनके गर्भ से एक मुसल का जन्म होगा और पूरे यदुवंश का विनाश हो जायेगा।
तो ये है शाश्त्रों में लिखे श्रीकृष्ण के इंसान रूपी शरीर छोड़ने का कारण यह भी श्रीकृष्ण की ही लीला थी जिसके कारण उन्हें शरीर त्यागकर परलोक जाना पड़ा था।
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