किशमिश का सेवन हमारी सेहत के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है। यह विटामिन्स, मिनरल्स और उर्जा का बहुत ही बड़ा स्रोत है। किशमिश में काफी अधिक मात्रा में आयरन, पोटैशियम, विटामिन और एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बॉडी को स्वस्थ रखने के साथ-साथ उसे मजबूती देने का भी काम करते हैं। हालांकि इसी किशमिश में एक रूप होता है उसका नाम है काली किशमिश। काले किशमिश को सूखे अंगूर की सबसे लोकप्रिय किस्म, व्यापक रूप से इसके मीठे स्वाद और रसदार स्वाद के लिए जाना जाता है। आइए इसके फायदे के बारे में जानते हैं।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में लाए काली किशमिश
आज के समय में ब्लड प्रेशर अब एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या बन गई है। ब्लड प्रेशर या रक्तचाप रक्तवाहिनियों में बहते रक्त द्वारा वाहिनियों की दीवारों पर डाले गए दबाव को कहते हैं। धमनी वह नलिका होती हैं जो रक्त को हृदय से शरीर के विभिन्न हिस्सों तक ले जाती हैं। कुछ आहारों का सेवन करके रक्तचाप के स्तर को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
इसके लिए आपको काली किशमिश का सेवन करना होगा। सुनिश्चित करें कि आप रोज सुबह काले किशमिश खा रहे हैं। ये सबसे प्रभावी खनिज पोटेशियम में समृद्ध हैं, जो हमारे शरीर में सोडियम का स्तर काफी कम कर सकते हैं। चूंकि हमारे रक्तचाप को बढ़ाने के लिए सोडियम मुख्य अपराधी है। इसलिए, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से दूर रहने के लिए रोजाना काली किशमिश अपने आहार शामिल कीजिए।
खराब कोलेस्ट्रॉल के खिलाफ लड़े
रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढऩे का सीधा अर्थ है हृदय रोग होना। मतलब जीवन को खतरा। कोलेस्ट्रॉल आमतौर पर एक वंशानुगत रोग है, लेकिन बदलती लाइफस्टाइल की वजह से यह रोग अब ज्यादा बढ़ने लगा है। ब्लैक या काली किशमिश का सेवन करके कोलेस्ट्रॉल पर काबू पाया जा सकता है। यह हमारे शरीर में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या तथाकथित ‘बुरे’ कोलेस्ट्रॉल के प्रतिकूल प्रभावों को रोकने में मदद करता है।
शोधकर्ताओं ने यह साबित कर दिया है कि काले किशमिश में बहुत से घुलनशील फाइबर शामिल होते हैं, जो मूल रूप से एक विरोधी कोलेस्ट्रॉल कंपाउंड है। यह एलडीएल को हमारे रक्तप्रवाह से हमारे लिवर में स्थानांतरित करता है और हमारे शरीर से इसकी समाप्ति की सुविधा देता है। काले किशमिश में मौजूद कार्बनिक एंटीऑक्सिडेंट की विशेष श्रेणी पॉलिफेनॉल, विभिन्न कोलेस्ट्रॉल-अवशोषित एंजाइमों को रोक कर हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करते हैं।
एनीमिया से ग्रस्त लोगों में काली किशमिश लाभकारी
एनीमिया का सबसे बड़ा कारण है, बॉडी में खून की कमी होना। एनीमिया के कारण रोगी हमेशा सुस्त और थका हुआ महसूस करता है जिससे कार्यक्षमता प्रभावित होती है। एनीमिया में पीड़ित व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा आयरन से भरपूर आहार लेने की सलाह दी जाती है। ऐसी स्थिति में आपको काली किशमिश का सेवन करना चाहिए। तीव्र एनीमिया से ग्रस्त लोगों में काली किशमिश बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। इसमें मौजूद आयरन कई अन्य आयरन से समृद्ध फलों और सब्जियों की तुलना में बहुत अधिक होते है। इसका मतलब है, यदि आप काले किशमिश के सेवन को अपने आदत में शामिल करते हैं, तो आप आसानी से एनीमिया रोग पर काबू पा सकते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस रोग में लाभदायक काली किशमिश
ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से संबंधित एक बीमारी है। इसमें मुख्य रूप से नितंब, कलाई और रीढ़ की हड्डियां प्रभावित होती हैं। इसमें हड्डियां कमजोर हो जाती है, जिसमें हड्डियां आसानी से टूट जाती हैं। इस बीमारी में हड्डियां इस हद तक कमजोर हो जाती हैं कि कुर्सी उठाने और झुकने में भी वे टूट जाती हैं।
पोटेशियम के अलावा, काली किशमिश में उचित मात्रा में कैल्शियम होता हैं। हमारी हड्डियों का सबसे महत्वपूर्ण घटक होने के नाते, कैल्शियम हमारे बोन सिस्टम के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैल्शियम की कमी का परिणाम हड्डियों की बीमारियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। हालांकि, काली किशमिश हमारे शरीर में कैल्शियम का स्तर बढ़ा सकते हैं और इन रोगों का सफलतापूर्वक इलाज कर सकते हैं।
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