अध्यात्म

कुछ रह तो नहीं गया

Baby Born
Written by Bhakti Pravah

???? 3 महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जानेवाली माँ को, दाई ने पूछा… कुछ रह तो नहीं गया ?
पर्स, चाबी सब ले लिया ना ?

अब वो कैसे हाँ कहे ?
पैसे के पीछे भागते भागते… सब कुछ पाने की ख्वाईश में वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है ,
*वह ही रह गया है…..*

???? शादी में दुल्हन को बिदा करते ही शादी का हॉल खाली करते हुए दुल्हन की बुआ ने पूछा…”भैया, कुछ रह तो नहीं गया ना ?
चेक करो ठीक से ।
.. बाप चेक करने गया तो दुल्हन के रूम में कुछ फूल सूखे पड़े थे।
सब कुछ तो पीछे रह गया…
25 साल जो नाम लेकर जिसको आवाज देता था लाड से…
वो नाम पीछे रह गया और उस नाम के आगे गर्व से जो नाम लगाता था, वो नाम भी पीछे रह गया अब …

“भैया, देखा ?
कुछ पीछे तो नहीं रह गया ?”
बुआ के इस सवाल पर आँखों में आये आंसू छुपाते बाप जुबाँ से तो नहीं बोला….
पर दिल में एक ही आवाज थी…

*सब कुछ तो यही रह गया…*

???? बडी तमन्नाओ के साथ बेटे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था और वह पढ़कर वही सैटल हो गया ,
पौत्र जन्म पर बमुश्किल 3 माह का वीजा मिला था और चलते वक्त बेटे ने प्रश्न किया सब कुछ चैक कर लिया कुछ रह तो नही गया ?
क्या जबाब देते कि
*अब छूटने को बचा ही क्या है ….*

???? 60 वर्ष पूर्ण कर सेवानिवृत्ति की शाम पी ए ने याद दिलाया चेक कर ले सर कुछ रह तो नही गया,
थोडा रूका और सोचा पूरी जिन्दगी तो यही आने- जाने मे बीत गई !
*अब और क्या रह गया होगा ?*

???? *”कुछ रह तो नहीं गया ?*

” शमशान से लौटते वक्त किसी ने पूछा, नहीं कहते हुए वो आगे बढ़ा…
पर नजर फेर ली,
एक बार पीछे देखने के लिए….पिता की चिता की सुलगती आग देखकर मन भर आया ।
भागते हुए गया , पिता के चेहरे की झलक तलाशने की असफल कोशिश की और वापिस लौट आया ।

दोस्त ने पूछा… कुछ रह गया था क्या?

भरी आँखों से बोला…
*नहीं कुछ भी नहीं रहा अब…*
*और जो कुछ भी रह गया है वह सदा मेरे साथ रहेगा* ।।

???? एक बार समय निकालकर सोचे , शायद पुराना समय याद आ जाए, आंखें भर आएं और *आज को जी भर जीने का मकसद मिल जाए*।

……..मैं अपने सभी दोस्तों से ये ही बोलना चाहता हूँ…….

*यारों क्या पता कब*
*इस जीवन की शाम हो जाये…….*

इससे पहले ऐसा हो सब को गले लगा लो, दो प्यार भरी बातें कर लो…..

*ताकि कुछ छूट न जाये …..*

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