जैसा की हम सभी जानते है की दान पुन करने से हमें पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है और साथ ही साथ हमारे जीवन में सुख शान्ति आती है मगर ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार कुछ ग्रह कुंडली में कमजोर होने के कारण कुछ उपाय किये जाते है जिससे की उन ग्रहों को मजबूत और अनुकूल बनाया जा सके.
सूर्य : गेहूँ, लाल कपड़ा, गुड़, स्वर्ण, तांबा, रक्तचंदन, लाल फुल, लाल फल, मसूर दाल, केसर, कुमकुम, नारियल, दक्षिणाद्व सुपारी, रविवार व्रत कथा की पुस्तक, पशु-लाल सवत्स गाय,
चंद्र ग्रह : चन्द्र ग्रह कि कृपा प्राप्त करने के लिए दूध, चावल, चीनी, चांदी, मोती, सफेद चंदन, शंख, कर्पूर, दही, मिश्री आदि का दान संध्या के समय करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
मंगल ग्रह : मंगल ग्रह के शुभ फलों को प्राप्त करने के लिए स्वर्ण, गुड़, घी, लाल मसूर की दाल, कस्तूरी, केसर, लाल वस्त्र, मूंगा, ताम्बे के बर्तन आदि का दान सूर्यास्त से आधे,पौन घंटे से पूर्व ही करना चाहिए।
बुध ग्रह : बुध ग्रह के फलों को अपने अनुकूल प्राप्त करने के लिए साबुत मूंग, फल, कांसे का पात्र, पन्ना, स्वर्ण आदि का दान दोपहर में करें अवश्य ही लाभ प्राप्त होगा।
बृहस्पति देव : देव गुरु कि कृपा प्राप्त करने के लिए चने की दाल, हल्दी, केसर, गुड़ , पीले फल, पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तकें, पुखराज, आदि का दान संन्ध्या के समय करने से गुरु बृहस्पति कि कृपा प्राप्त होती है।
शुक्र ग्रह : शुक्र ग्रह कि कृपा प्राप्त करने के लिए जातक को चावल, मिश्री, दूध, दही, इत्र, सफेद चंदन, चांदी आदि का दान सुबह सूर्योदय के समय करने से लाभ प्राप्त होता है।
शनि देव : भगवान शनि देव कि कृपा पाने के लिए लोहा, उड़द की दाल,काले चने सरसों का तेल, काले वस्त्र, जूते व नीलम का दान दोपहर के समय करें।
राहु : राहु के दोषों को दूर करने के लिए लोहे का चाकू व छलनी, सीसा, तिल, सरसों, सप्तधान्य, कम्बल, नीला वस्त्र, गोमेद आदि का दान रात्रि समय करना चाहिए।
केतु : केतु कि अशुभता से बचने के लिए लोहा, तिल, तेल, दो रंगे या चितकबरे कम्बल या अन्य वस्त्र, सप्तधान, शस्त्र, लहसुनिया व स्वर्ण का दान दोपहर में करना चाहिए।
नोट : यह सभी ऊपर दिए गए दान सामान्य तौर पर बताये गए है किसका सटीक विवेचन कुंडली के अनुसार ही किया जाना चाहिए.
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