शनिदेव नव ग्रहो मे से न्याय के देवता है और जीवन मे अपार सफलता के लिये इनकी कृपा होना अति आवश्यक है, आज के इस दौर में उनकी कृपा केवल दिल से और नैतिक तरीको से किये गए कार्यों से ही प्राप्ति है इस हेतु कुछ सामान्य और अचुक उपाय इस प्रकार है:-
शनिवार का व्रत तो आप किसी भी शनिवार के दिन प्रारंभ कर सकते हैं। इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनि की प्रतिमा की विधि सहित पूजन करनी चाहिए, अथवा तिल्ली के तेल का दीपक लगाना चाहिए!
1- शनि भक्तों को इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवंती का फूल, तिल, तेल, गु़ड़ अर्पण करना चाहिए। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए।
2- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने-अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए।
3- शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी करनी चाहिए, और उनका दान करना चाहिए
4- शनिवार के दिन शनि भक्तों को पीपल में जल देना चाहिए और पीपल में सूत बाँधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।
5- शनिवार के दिन भक्तों को शनि महाराज के नाम से व्रत रखना चाहिए।
6- शनि की शांति के लिए शनि देव के २३ हजार, वैदिक शनि मंत्रो के जाप भी कराना चाहिए ।
7- शनिश्वर के भक्तों को संध्या काल में शनि मंदिर में जाकर दीप भेंट करना चाहिए और उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर शनि महाराज को भोग लगाना चाहिए। शनिदेव का आशीर्वाद लेने के पश्चात आपको प्रसाद स्वरूप खिचड़ी खाना चाहिए।
8- सूर्यपुत्र शनिदेव की प्रसन्नता हेतु इस दिन काली चींटियों को गुड़ एवं आटा देना चाहिए।
9- इस दिन काले रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। ओर कई प्रकार के शनि वस्तुओ का दान करना चाहिये एवं दृष्टी चाहिये!
10- श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारंभ करना अति मंगलकारी माना जाता है। तथा कृष्ण जन्म अष्टमी का व्रत करने से भी कृपा प्राप्त होती है !
इस प्रकार भक्ति और श्रद्धापूर्वक शनिवार के दिन शनिदेव का व्रत एवं पूजन करने से शनि का कोप शांत होता है और शनि की दशा के समय उनके भक्तों को कष्टो से निवारण होता है !
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