लाइफ स्टाइल स्वास्थय

जानिये कैसे इन तरीकों से दूर करें डिप्रेशन

Written by Bhakti Pravah

डिप्रेशन सिर्फ एक मानसिक स्वास्थ्य विकार ही नहीं है यह एक प्रकार की वो चिंता है किसका की कोई उपाय नहीं मिलता है, जिसमें व्यक्ति हमेशा नकारात्मक विचारों के बारे में सोचता रहता है, मन उदास बना रहता है ,नींद कम आने लगती है, भूख भी कम लगने लगती है अथवा  ज्यादा लगने लगती है और जीवन में एक सामान्य उदासीनता सी छाई रहती है । व्यक्ति जिन कार्यों को करने में खुशी महसूस करता था, अब उन्ही कार्यों को करने में उसका मन नहीं लगता है । डिप्रेशन के इलाज के लिए दवाओं के साथ मनोचिकित्सक से बात करना शामिल होता है ,जिसमे समय ज्यादा लगता है,साथ ही साथ इस रोग के साथ जुड़े कई तरह की भ्रांतियों के चलते लोग अपनी बीमारी को छुपाते हैं, तथा उपचार की लागत और बीमा में इस रोग का शामिल ना होना भी इलाज में बाधक बनते है ।|

इस स्थिति में इलाज के वैकल्पिक रूपों में विभिन्न प्रकार की थेरेपी है, जिन्हें चिकित्सक की सहायता से व्यक्ति कर सकता है, तथा उसकी देखभाल करने वाले भी इस प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं । ये वैकल्पिक तरीके निम्न हैं ।

1-लाफ्टर थेरेपीयह थेरेपी शुरू करना बहुत आसान है, आप लाफ्टर थेरेपी करवाने वाली किसी संस्था की मदद से खुद एक क्लब शुरू कर सकते हैं । हँसने से फेफड़ों का विस्तार होता है, और उनमे ज्यादा ऑक्सीजन प्रवाहित होती है, जिससे व्यक्ति का निष्क्रिय दिमाग फिर से नई ऊर्जा से भर जाता है । डिप्रेशन के कारण जो व्यक्ति बिलकुल निष्क्रिय हो जाते हैं, उनके लिए लाफ्टर थेरेपी इलाज की एक अच्छी शुरुआत हो सकती है।

2-कला थेरेपीमनुष्य ने हमेशा कला का उपयोग खुद की भावनाओं की अभिव्यक्त करने के लिए किया है, चाहे वह गुफा चित्र हों, या मॉडर्न आर्ट। अनुसन्धानों,रिसर्चों से यह पता चला है कि, कला के माध्यम से व्यक्ति अपनी नकरात्मक भावनाओं को  भी अभिव्यक्त कर पाता है और दिमाग किसी संरचनात्मक कार्य में लगने से अवसाद ग्रसित व्यक्ति को अच्छा महसूस होता है।

3-संगीत और नृत्य थेरेपीजिन लोगों की संस्कृति में संगीत और नृत्य का समावेश होता  है वे एक कक्ष में बैठ कर मनोचिकित्सक के साथ गहन चिंतन करें, यह उनके लिए अच्छा नहीं हो सकता , संगीत से मस्तिस्क के कई नर्व्स एक्टिव हो जाती हैं और जिनसे हमारी सोच और विस्तृत हो जाती है, और हम बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं । नृत्य थेरेपी से हमारे बॉडी से कोर्टिसोल हॉर्मोन का स्राव नियन्त्रित होता है जिससे तनाव काम करने और जल्दी उपचार में मदद मिलती है ।

4-पालतू पशु थेरेपी : अगर आपके पास एक पालतू पशु जैसे कुत्ता या तोता है ,और आप उसके साथ समय बिताते हैं, उसे प्यार करते हैं, तो आप कभी दुखी नहीं रह सकते। पालतू जानवर से हम  बिना किसी शर्त के प्यार करते है, और उनसे बार बार प्यार करना चाहते हैं । हम उनसे बहुत  कुछ सीखते है,और खुद पर  विश्वास करना सीखते हैं ।

उपर्युक्त सभी थेरेपी से न सिर्फ डिप्रेशन ,बल्कि और दूसरी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों के दूर होने के प्रमाण मिले हैं। इसलिए अगर आपको  पारंपरिक चिकित्सा को शुरू करने में  हिचक महसूस हो रही है, तो वैकल्पिक तरीकों को बिना झिझक कोशिश करिये ।

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