4 अप्रैल को 11:20 से 5 अप्रैल को 10:03 तक नवमी तिथि है। क्योंकि रामनवमी (राम जन्म) मध्य दोपहर 12 बजे हुआ था अतः जिस दिन दोपहर में नवमी पड़े उसी दिन मनानी चाहिए। इस हिसाब से 4 अप्रैल को ही दोपहर के समय नवमी रहेगी अतः 4 अप्रैल को ही नवमी राम पूजा आदि मान्य होनी चाहिए।
नवमी तिथि मधुमास पुनीता, सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता।
मध्य दिवस अति सीत न घामा, पावन काल लोक बिश्रामा।
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