कांजी बड़ा – कांजी और बड़े से बनाया जाता है। यह राजस्थान मारवाड़ की एक प्रसिद्ध डिश है। कांजी राई से बने खट्टे पानी को कहते है। यह पेट के लिए लाभदायक होता है। इससे कब्ज , अपच गैस आदि ठीक होते है। त्योहारी मिठाई ज्यादा खाने में आ गई हों तो एक प्लेट कांजी बड़ा खाने से पेट ठीक हो जाता है। इसे खाने से गला साफ होता है। इसके अलावा जिस प्रकार पानी पूरी ,पतासी ,पुचके का चटपटा आनंद लिया जाता है उसी तरह कांजी का खट्टा पानी भी चटखारेदार होता है। होली पर इसे विशेष रूप से बनाया जाता है। इससे मौसम बदलने के प्रभाव से बचाव होता है।
वड़ा मूँग दाल से बनी एक प्रकार की पकौड़ी हैं। वैसे तो बड़ा मूँग दाल से बनाया जाता हैं लेकिन यह उड़द ,मूंग – चना या मूँग -उड़द का मिक्स या चवले ( चौले ) की दाल से भी बनाया जा सकता है। कांजी में गाजर डाल कर गाजर की कांजी बनाई जाती है और चुकन्दर डाल कर चुकंदर की कांजी भी बनाई जाती है जो बहुत फायदेमंद और स्वादिष्ट होती है।
कांजी बड़ा बनाने की विधि
कांजी बनाने की सामग्री
पानी : 5 गिलास
हींग : 4 चुटकी
पिसी पीली सरसों : 2 चम्मच
लाल मिर्च पाउडर : 1 /4 चम्मच
हल्दी पाउडर : 1 /2 चम्मच
काला नमक : 1/2 चम्मच
नमक : स्वादानुसार
सरसों का तेल : 1 चम्मच
बड़ा बनाने की सामग्री
मूँग की धूली दाल : 100 ग्राम
नमक : स्वादानुसार
तेल : तलने के लिए
कांजी बनाने की विधि
— एक स्टील के बर्तन में 5 गिलास साफ पानी लेकर उबालें।
— पानी उबलने के बाद ठंडा होने के लिए रख दे। जब पानी ठंडा हो जाये तो इसे किसी कांच की बरनी या मिट्टी के बर्तन में छान लें।
— इस पानी में हींग , हल्दी , लाल मिर्च पाउडर व पीली सरसों का पाउडर , काला नमक , सादा नमक व सरसों का तेल डालकर साफ चम्मच से हिला कर ढक्कन लगाकर धूप में रख दें।
— दो से तीन दिन तक इसे धूप में ही रहने दे व रोज एक-दो बार साफ चम्मच से हिला लें।
— दो दिन बाद इसे चख कर देखें , यदि स्वाद खट्टा हो गया हैं तो इसे तैयार समझें और खट्टा नहीं हुआ है तो एक दिन और धूप में रखें।
— कांजी तैयार है।
— ठंडा होने के लिए इसे फ्रिज में रख दें।
बड़ा बनाने की विधि
— बड़े बनाने के लिए मूँग की धुली दाल ( मोगर ) को तीन चार बार साफ पानी से धोकर तीन घण्टे के लिए पानी में भिगो दें।
— भीगने के बाद दाल को कम पानी के साथ दरदरी पीस लें।
— पिसी हुई दाल को किसी बर्तन में निकाल लें व नमक डालकर मिला दें।
— अब इस दाल को हाथ या चम्मच की सहायता से अच्छे से फेंट दें।
— एक कढ़ाई में तेल डालकर गर्म करें।
— तेल गर्म हो जाए तो हाथ में पानी लगाकर पिसी हुयी दाल रखें व दूसरे हाथ से थोड़ा चपटा करके ध्यान से तेल में डालें।
— बड़े डालते समय गैस तेज रखें व बड़े डालने के बाद गैस मध्यम कर लें व मध्यम आंच पर गोल्डन ब्राउन होने तक तल लें।
— तले हुए बड़े निकाल कर टिस्यू पेपर पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाये।
— एक बर्तन में गुनगुना पानी लेकर सभी बड़े इस पानी में डालकर पन्द्रह मिनिट तक भीगने दें।
— भीगने के बाद बड़ो को हाथ दबा कर निचोडें ताकि सोखा हुआ पानी निकल जाये। इन्हें अलग रख लें।
— स्वादिष्ट कांजी और बड़े तैयार हैं। कांजी में बड़ा डालकर सर्व करें। और कांजी बड़ा का आनंद लें।
कांजी बड़े के सम्बन्ध में अन्य जानकारी :
— बड़े बनाने के लिए मूंग की दाल में मसाले भी डाले जा सकते हैं जैसे सौंफ , धनिया , हरी मिर्च आदि।
— कांजी के लिए पानी को उबालने से कांजी जल्दी खराब नहीं होती हैं।
— गर्मी के मौसम में कांजी दो दिन में ही बन जाती हैं , सर्दी के ठंडे मौसम में तीन दिन लग जाते हैं।
— कांजी तैयार होने के बाद फ्रिज में रखें। तीन चार दिन तक काम ले सकते है।
— कांजी बड़े बनाने के लिए दाल को अच्छी तरह फेंटने से बड़े स्पंजी व सॉफ्ट बनेंगे।
— बड़े बनाने के तुरन्त बाद गुनगुने पानी में डालने से बड़े सॉफ्ट हो जाते हैं व बड़ो का अतिरिक्त तेल भी निकल जाता हैं।
यदि आपको यह रेसिपी पसंद आई और आप भी अपनी रेसिपी शेयर करना चाहते है तो प्लीज हमें info@bhaktipravah.com पर मेल करें. हम उसे भक्ति प्रवाह के माध्यम से पब्लिश करेंगे.
Recipe Credit : Kaushal Jangid (Ajmer)
Leave a Comment