ज्योतिष

आइये जानते है शनि भगवान के बारे में

Written by Bhakti Pravah

शनि मकर राशि और कुम्भ राशि के स्वामी है शनि तुला में उच्च व मेष में नीच के होते है| उच्च के शनि व्यक्ति को स्वाभिमानी बनाते हैं. व्यक्ति भाषण कला, स्वतंत्र विचार और चातुर्य से सुसज्जित बनता है और शुभ फल से ओत – प्रोत रहता है | नीच के शनि व्यक्ति को जिद्दी, क्रोधी बनाता है और बुरी आदतों की ओर ले जाते है. ज़्यादातर अशुभ फल ही मिलते है |

शनि शारीरिक श्रम से सम्बन्धित व्यवसायों और इनके साथ जुड़े व्यक्तियों के कारक होते है | शनि जमीन के क्रय विक्रय के व्यवसाय, द्वारपालों, भिखारियों, कसाईयो, लकड़ी का काम करने वाले लोगो, नेताओ, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, परा-शक्तियों का ज्ञान रखने वाले लोगों आदि के कारक होते है | शनि को भाग्य और न्याय के देवता भी कहा जाता है |

शनि के कमजोर और खराब होने से काम बनते बनते बिगड़ने लगते है, घर में तनाव और दोस्तों से बिना बात के अनबन होती है | बाल झड़ जाते है, हड्डियों या स्नायुतंत्र से सम्बंधित रोग, वाहन से हानि, काले धन और संपत्ति का नाश,अचानक आग लगना आदि फल मिलते हैं.

कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने और मजबूत बनाने के लिए करें उपाय :

1) शनिवार का व्रत करें |
2) रोटी में तेल लगाकर कुत्ते या कौए को खिलाएं |
3) लोहे का छल्ला पहनें |
4) हनुमान जी की आराधना करें |
5) सिद्ध शनि यंत्र स्थपित करें |
6) नीलम अथवा जामुनिया धारण करें |

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