कई लोगों को योग के दौरान घुटने की संवेदनशीलता और दर्द महसूस होता है, क्योंकि कुछ योग आसन में घुटनों को जमीन या चटाई पर रखने या मोड़ने की आवश्यकता होती है। इसलिए, उन सभी लोगों द्वारा समुद्र तट की रेत की कोमलता का लाभ लिया जा सकता है। इसके अलावा, घुटनों पर जोर दिए बिना भी कुछ योग आसन आप साधारण चादर या चटाई के साथ समुद्र तट पर कर सकते हैं। इसलिए समुद्र तट पर योग करने का अभ्यास करना एक अच्छे योग अभ्यास के लिए नया अर्थ लाता है, क्योंकि यह आपकी व्यक्तिगत ऊर्जा को संतुलन और शक्ति के माध्यम से केंद्रित करता है।
रेत के गुणों में आपको अधिक आराम से एक मुद्रा का उपयोग करने में मदद मिल सकती है, जो आपको कठिन और कठोर सतह पर आसान महसूस नहीं करा सकती है। ठंडी रेत और सूरज की गर्मी का संतुलन आपके शरीर और मन को शांत और संतुलित कर सकते हैं जो एक स्वस्थ योग का असली उद्देश्य होता है। आज हम कुछ ऐसे ही आसान योग आसन के बारे में बात करेंगे जिन्हे आप विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के साथ समुद्र तट पर आसानी से कर सकते हैं।
ध्यान लगाएं
समुद्र की लहरों की आवाज़, हवा, सूरज और रेत की गर्मी, ध्यान लगाने के लिए आदर्श जगह है, जिससे आपके दिमाग का शोर ख़त्म हो जाता है। यदि आप अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते, तो समुद्र की तरंगों की आवाज़ और सूरज की गर्मी आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं।
पीछे की ओर झुकें
समुद्र तट अपने दिल को खोलने के लिए एक शानदार जगह है। धूप की गर्मी आपके शरीर में अधिक लचीलापन और खुलापन प्रदान करती है, खासकर आपकी रीढ़ की हड्डी का तनाव और घबराहट कम करती है। अपनी क्षमता से अधिक ना झुकें और अपने पूरे प्रवाह को अपने पूरे शरीर में महसूस करें।
सीधे खड़े रहें
हमारे सभी के पैर हमारे खड़े रहने और संतुलन के लिए दूसरों से मजबूत या अधिक स्थिर होते है। समुद्र तट पर सीधे खड़े रहने का अभ्यास करके आप अपने कमजोर पैर का आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं, जहां आप अपने पैर के लिए रेत की नर्मता का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
आसानी से बैठने की मुद्रा
समुद्र तट के सामने अपने पैरों को मोड़ कर बैठें और अपने हाथों को अपने पैरों पर आराम करने दें। अपने अंगूठे और उंगली को जोड़ कर, योग की ज्ञान मुद्रा बनाएं। अधिक श्वास के लिए गहरी सांस लें, और अपने आस-पास के वातावरण को अपनी पांच इंद्रियों के साथ महसूस करें। बैठने वाली मुद्रा से आपके तन मन को शांति और आराम मिलता है।
योद्धा मुद्रा
अपने दाहिने पैर को एक कदम वापस ले जाएं। अपनी दाहिनी एड़ी और अपने पैर की उंगलियों को 90 डिग्री पर रखें। अपने बाएं घुटने को अपने टखने से ऊपर उठाएं, जबकि अपने पिछले पैर को सीधा रखें। अपने कंधों को अपने कूल्हों के ऊपर और बाएं हाथ को अपने हथेलियों के साथ आगे बढाएं। इस पूरी मुद्रा के दौरान लम्बी और गहरी सांसें जरूर लें।
वीरासन मुद्रा
इस मुद्रा में रेत घुटनों को एक कंबल की तरह थोड़ी कोमलता देने के लिए अच्छी है। आप रेत के ढेर का उपयोग, आपको कूल्हों के भार बैठने के लिए भी कर सकते है, जोकि एक आरामदायक आसन बनता है। अंत में, वीरासन मुद्रा के लिए आप रेत के बड़े ढेर का उपयोग आपकी पीठ की सहारा देने के लिए भी कर सकते हैं।
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