अध्यात्म त्यौहार-व्रत

जानिये क्या करें शनि देव को खुश करने के लिए शनि जयंती 15 मई 2018 को

Written by Bhakti Pravah

कल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है, इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है । शास्त्रों और पुरानों के अनुसार इस तिथि पर सूर्य और सूर्य पत्नी छाया के पुत्र शनि देव का जन्म हुआ था । शनि का जन्म कृत्तिका नक्षत्र में हुआ था जोकि सूर्य के स्वामित्व वाला नक्षत्र है । इसलिए इसे शनि जयंती के नाम से जाना जाता है, आइये जानते है राशि के अनुसार किस राशि पर क्या फल होगा और क्या करना चाहिए इस दिन…

मेष – मेष राशि के जातकों लिए शनि नवम स्थिति में है । अतः अपनी इच्छाओं को दबाकर रखें । निवेश से बचें और किसी भी प्रकार का कोई जोखिम न लें । स्वयं पर भरोसा रखें, आगे आने वाले समय में सुधार होगा ।
उपाय : निर्धन को तेल एवं नमक का दान करें ।

वृष – वृष राशि के जातकों लिए शनि अष्टम स्थिति में है। वर्तमान समय में शनि की ढैय्या बनी रहेगी । शनि वक्री है । इस समय में परेशानियां कम रहेंगी और आय भी अच्छी बनी रहेगी । समस्त आवश्यक काम इस दौरान निपटाने का प्रयास करें ।
उपाय : निर्धन को गुड़ और चने का दान करें।

मिथुन – मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि सप्तम है । शनि देव की दृष्टि मिथुन राशि पर है, लेकिन वक्री होने के कारण आपके ऊपर शनि का बुरा असर नहीं रहेगा । समय सामान्य रहेगा । किसी प्रकार की परेशानी आने की संभावना नहीं है ।
उपाय : निर्धन को पुराने वस्त्र अन्नादि का दान करें।

कर्क – कर्क राशि के जातकों के लिए शनि षष्ठम है । राशि के ऊपर शनि का कोई बुरा प्रभाव नहीं है । अतः सब कुछ सामान्य रहेगा । आर्थिक स्थिति सुधरेगी और नई योजनाएं सफल होगी । शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी।
उपाय : गाय को हरा चारा खिलाएं एवं कुत्ते को रोटी दें ।

सिंह – सिंह राशि के लिए शनि पंचम है। शनि के वक्री होने से काम में देरी के साथ होंगे । सरकारी कामों में अनावश्यक देरी हो सकती है। परिवार के साथ सामंजस्य बनाकर रखें, विवादों से दूर रहें।
उपाय : पक्षियों के लिए दाने ड़ालें और किसी बुजुर्ग की मदद करें।

कन्या – कन्या राशि के लिए शनि चतुर्थ है। शनि का ढैय्या भी चल रही है। शनि वक्री है, इस कारण इस समय का लाभ उठाएं। सभी आवश्यक पेंडिंग काम अभी से निपटाने का प्रयास करें, लेकिन जोखिम से दूर रहें परन्तु नया काम शुरू करने से बचें। किसी को उधार न दें।
उपाय : निर्धन को चावल का दान करें।

तुला – तुला राशि के लिए शनि तृतीय है। शांति बनाएं रखें, धैर्य से काम लें और विवादों से दूर रहें। इस समय निवेश से बचें और नए काम शुरू न करें। शनि के वक्री रहते आपको सावधान रहना होगा।
उपाय : निर्धन को खाने की वस्तुएं और फल का दान करें।

वृश्चिक – वृश्चिक राशि के लिए शनि द्वितीय है। इस राशि के लिए शनि की स्थिति ठीक नहीं है। अतः सावधान रहने की आवश्यकता है। ऐसा कोई काम न करें, जिससे परेशानी बढ़ सकती हो।
उपाय : निर्धन को अन्न एवं पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें।

धनु – धनु राशि में शनि है। साढ़ेसाती जारी रहेगी। शनि के वक्री होने से सहयोग प्राप्त होगा और आय भी अच्छी बनी रहेगी। नए कार्यों की प्राप्ति होगी। अतः वर्तमान में शनि के वक्री होने से लाभ की स्थिति बनेगी।
उपाय : किसी असहाय बुजुर्ग की मदद करें एवं अन्नदान करें।

मकर – मकर राशि के लिए शनि द्वादश है। शनि की साढ़ेसाती शुुरु हो गई है, शनि राशि स्वामी होने से यह प्रतिकूल नहीं होगा। समझदारी से मुश्किलों का हल निकलेगा। समय पर काम होंगे। फिर भी संभलकर रहें। विवादों से बचें।
उपाय : पशुओं के लिए जल, हरी घास और अन्न का दान करें।

कुंभ – कुम्भ राशि के लिए शनि एकादश है। वर्तमान में शनि की दृष्टि भी प्राप्त हो रही है। शनि राशि का स्वामी होने से समय भी सभी प्रकार अनुकूल है। नौकरी में तरक्की होगी। समस्याओं का निदान होगा। विवादों में विजय प्राप्त होगी ।
उपाय : निर्धन को मिठाई का दान करें।

मीन – मीन राशि के लिए शनि दशम है। शनि का प्रभाव, राशि पर अनुकूल है। राशि प्रबल है। अतः कार्यों में सफलता मिलेगी। कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा। नए काम भी मिलेंगे।
उपाय : निर्धन को फल एवं रस का दान करें।

पोस्ट : आचार्य मनोज शुक्ल जी 

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