अध्यात्म त्यौहार-व्रत

जानिये पितृ पक्ष के विशेष दिन

Pitra Dosh
Written by Bhakti Pravah

1- प्रतिपदा तिथि को नाना का श्राद्ध किया जाता है।

2- चतुर्थी या पंचमी तिथि में उसका श्राद्ध किया जाता है जिसकी मृत्यु गतवर्ष हुयी है।

3- अपने जीवन काल में मरने वाली स्त्री का श्राद्ध नवमी तिथि को किया जाता है।

4- युद्ध, दुर्घटना या आत्महत्या आदि में मृत व्यक्तियों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि में किया जाता है।

5- आमावस्या तिथि को सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है।

6. जो पितृ शस्त्र आदि से मारे गए हों उनका श्राद्ध मुख्य तिथि के अतिरिक्त चतुर्दशी को भी करना चाहिए। इससे वे प्रसन्न होते हैं।

7. पिता का श्राद्ध पुत्र को ही करना चाहिए। पुत्र के न होने पर पत्नी श्राद्ध कर सकती है। पत्नी न होने पर सगा भाई और उसके भी अभाव में सपिंडों ( एक ही परिवार के) को श्राद्ध करना चाहिए। एक से अधिक पुत्र होने पर सबसे बड़ा पुत्र श्राद्ध करता है।

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