अध्यात्म

जानिये कैसे सुहाग की निशानी ना बन जाए सुहाग की ही दुश्मन

Written by Bhakti Pravah

हर सुहागन स्त्री की चाहत होती है कि उनका सुहाग लंबे समय तक बना रहे इसके लिए वह व्रत और उपवास भी रखती है कुछ सुहाग की निशानियां भी हैं जिनके विषय में कहा जाता है कि इनसे पति की आयु लंबी होती है

इनमें मंगलसूत्र और सिंदूर और चूड़ियां का बड़ा स्थान है लेकिन इन सुहाग की निशानियों से जुड़ी ऐसी मान्यताएं भी हैं जो पति और सुहाग की उम्र को कम कर देती है

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सुहागन स्त्रियों को भरणी नक्षत्र में नई चूड़ियां नहीं पहननी चाहिए इस नक्षत्र में चूड़ियां पहनना पति की उम्र पर अशुभ प्रभाव डालता है इससे पति-पत्नी के बीच दूरियां बढ़ती है

भरणी नक्षत्र को नक्षत्र मंडल में दूसरा स्थान प्राप्त है इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है जो सौभाग्य सुख और वैवाहिक जीवन के आनंद को प्रदान करने वाला ग्रह है इस नक्षत्र में नई चूड़ियां पहनने से शुक्र अशुभ फल प्रदान करता है

भरणी नक्षत्र के अलावा गुरूवार और शनिवार के दिन भी नई चूड़ियां पहनना अशुभ फलदायी माना गया है

गुरूवार को रिक्त दिन माना गया है और शनि वियोग का कारक ग्रह है इसलिए इन दो दिनों में भी नई चूड़ियां धारण करने से विवाहित स्त्रियों को बचना चाहिए

सिंदूर सुहाग की सबसे बड़ी निशानी मानी जाती है सुहागन स्त्री बड़े ही आदर और आनंद से सिंदूर से अपना मांग भरती हैं लेकिन ऐसी मान्यता है कि पति की लंबी उम्र के लिए गुरूवार के दिन सिंदूर नहीं लगाना चाहिए

Post Credit : धर्म आस्था ज्योतिष सेवा संस्थान

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