दुनिया का सबसे बड़ा झूठ जानते हो क्या है? हम रोज अच्छी बातें पढ़ते हैं, कुछ लोग तो सत्संग भी सुनते हैं, महापुरुषों के विचार पढ़ते हैं और अच्छे लोगों से मिलकर ज्ञान की बातें भी सीखते हैं। लेकिन क्या इन सब से हमारे जीवन में बदलाव आएगा?
हम सोचते हैं कि किसी महापुरुष की बातें सुनने से या अच्छी किताबें पढ़ने से हमारे जीवन में बदलाव आ जायेगा तो इससे बड़ा झूठ और इससे बड़ा भ्रम दुनिया में कोई दूसरा नहीं है। कोई आएगा और हमें कुछ बातें बताएगा और हम बदल जायेंगे, ये एक भ्रम ही तो है।
अगर किसी के कहने से दुनिया बदल जाती तो भगवान को बार बार धरती पर जन्म क्यों लेना पड़ता?
एक राम ही काफी थे..
एक कृष्ण ही काफी थे..
या एक महावीर ही काफी थे..
या एक बुद्ध ही काफी थे….
लेकिन सच तो ये है कि आपको खुद अपने आप को बदलना है। आप क्या पढ़ते हो ? क्या देखते हो ? क्या सुनते हो ? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। फर्क पड़ता है कि आप किस बात को अपने जीवन में उतारते हो। आप जिस बात को अपनाओगे वैसे ही हो जाओगे।
बुद्ध में और आप में कोई फर्क नहीं है। जो ईश्वर महात्मा बुद्ध के अंदर था वही आपमें है। वही प्राण है और वही चेतना। सब कुछ समान, हमको बनाने वाला भी एक ही है। उस बनाने वाले ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सब कुछ आपको देकर भेजा है।
बस एक चीज़ का फर्क है – बुद्ध ने कुछ बातों को अपना लिया और हमने सिर्फ एक कान से सुना और दूसरे से निकाल दिया इसलिए आज भी भटक रहे हैं। बस इतना ही फर्क है आपमें और बुद्ध में।
बुद्ध ने खुद को पहचाना और सत्य को अपना लिया और हम सिर्फ सुनकर या पढ़कर ही बदलाव खोजते रहे।
घर में चाहे कितने भी इन्वर्टर या जेनेटर लगवा लो, लेकिन जब तक आप स्विच ऑन नहीं करेंगे बल्व नहीं जलेगा ठीक उसी तरह आप कितनी भी ज्ञान की बातें पढ़ लो या सुन लो जब आपके अंदर का स्विच ऑन नहीं होगा, आप वैसे ही रहेंगे जैसे कल थे।
कल ने निकलिए, आज में जियो। पुराने विचारों को त्याग कर नए विचारों को अपनाइये। खुद को पहचानिये, तभी आपमें बदलाव आएगा।
दोस्तों बहुत अच्छा लगता है जब आप हमारे लेखों को पढ़कर अपने कमेंट हमें लिख कर भेजते हैं। यकीन मानिये ये एक उत्साहवर्धन का काम करता है, जैसे किसी खिलाडी के अच्छे प्रदर्शन पर लोग तालियां बजा रहे हों, ठीक वैसी ही फीलिंग आती है। आज भी आप अपना कमेंट लिखे बगैर ना जाएँ।
Awesome thought