आज कल की इस भागदोड भरी जिंदगी में सभी के पास अपने लिए समय नहीं है की वो अपनी सेहत का भी पूरा ध्यान रख सके इस वजह से ही व्यक्ति समय से पहले ही बुढ्ढा दिखने लग जाता है और समय से पहले ही बाल सफ़ेद होना चेहरे पर अनेक प्रकार की झुरियां आने लग जाती है इसका मुख्या कारण एक यह भी की व्यक्ति आज के बढ़ते हुए तनाव, मानसिक थकान, शारीरिक रोग से घिरा रहता है यदि आप अपना योवन कायम रखना चाहते हैं तो आपको यथासंभव तनाव, चिंता को त्यागना होगा। इस से आपकी तनाव और चिंता भाग जाएगी।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं आयुर्वेद के एक ऐसे विशेष चूर्ण के बारे में जिसको खा कर आप सदा के लिए अपने आप को जवान और तंदुरुस्त महसूस करेंगे। बस इसको अपने दैनिक जीवन में शामिल करे।
आवश्यक सामग्री : सूखे आंवले का चूर्ण, काले तिल का चूर्ण, भृंगराज (भांगरा) का चूर्ण, गोखरू का चूर्ण।
बनाने की विधि : पहले ये सब 100 – 100 ग्राम की मात्रा में ले कर मिला लीजिये, फिर इस में 400 ग्राम पीसी हुयी मिश्री, 100 ग्राम शुद्ध देशी गौ घृत (गाय का घी) और आखिर में इस में 200 ग्राम शहद मिला लीजिये। अब इस चूर्ण को किसी कांच के बर्तन में या घी के चिकने मिटटी के पात्र या चीनी के बर्तन में सुरक्षित रख ले। इस चूर्ण को एक चम्मच (5 ग्राम) की मात्रा में खाली पेट नित्य सेवन करे और ऊपर से गाय का दूध या गुनगुना पानी पीजिये।
इसके अद्भुत फायदे : इस चूर्ण से आपके शरीर का पूरा कायाकल्प हो जायेगा। यदि छोटी आयु में बाल झड़ गए हैं तो पुनः दोबारा उग आएंगे, अगर सफ़ेद हो गए हैं तो काले हो जायेंगे, और वृद्धावस्था तक काले बने रहेंगे। ढीले दांत भी मज़बूत बन जायेंगे। चेहरे पर कान्ति आ जाएगी। शरीर शक्ति शाली और बाजीकरण युक्त हो जाएगा। और कुछ ही दिनों में दुर्बल व्यक्ति भी अपना वज़न पूरा कर शक्तिशाली बन जाता हैं।
परहेज : अंडा, मांस, मछली, नशीले पदार्थो का सेवन वर्जित हैं।
सावधानी : ध्यान रखें घी और शहद समान मात्रा में लेने से धीमे ज़हर का काम करते हैं। इसलिए इनकी समान मात्रा नहीं लेनी है घी के अनुपात में शहद की मात्रा दुगनी होनी चाहिए
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