शास्त्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण जी का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में दिन बुधवार को अर्धरात्रि को हुआ था।
प्रत्येक वर्ष ऐसे योग नहीं बनते जब अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र मध्यरात्रि में पड़े । इसी कारण लोग श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर असमंजस में बने रहते हैं।
पंचांग के अनुसार 2 सितंबर 2018 दिन रविवार को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी रात्रि 08:27 बजे प्रारंभ होगी। जिसकी समाप्ति 3 सितंबर को सायंकाल 07:20 बजे होगी ।
वहीं 2 सितम्बर को ही रोहिणी नक्षत्र रात्रि 8:48 बजे से लगेगा जो 3 सितंबर रात्रि 8:03 बजे समाप्त हो जाऐगा।
उत्तर भारत मे पर्व विशेष में उदयकालीन तिथि को ग्रहण करने का विधान है । रात्रि में चाहे कोई भी तिथि क्यों न हो । 3 सितंबर को रात को 7.21 से नवमी तिथि व मृगशिरा नक्षत्र लग रहा है । इस तिथि व नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण जी का जन्म नही हुआ था । अतः 3 सितंबर को कृष्णा जन्मोत्सव मनाना शास्त्र सम्मत नही है ।
2 सितंबर दिन रविवार को मध्यरात्रि में अष्टमी व रोहिणी नक्षत्र समावेशित है । अतः श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए जो तिथि व नक्षत्र होने चाहिए वह 2 सितंबर दिन रविवार की रात्रि में ही मिल रहे हैं ।
इसीलिए गृहस्थ लोगो को 2 सितंबर को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाना उत्तम है ।
आचार्य मनोज कुमार शुक्ला, कानपुर (उ. प्र.)
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