अध्यात्म ज्योतिष

जानिये पीपल का पेट काटने से हो सकते है यह नुक्सान

Written by Bhakti Pravah

ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना और किसी भी वृक्ष को नुकसान न पहुंचाना हमारे देश की गौरवशाली परंपरा का एक अटूट अंग रहा है. धर्मशास्त्रों में कुछ पेड़ों के काटने की साफ मनाही है. ऐसे वृक्षों में पीपल का स्थान सबसे ऊपर है.
पीपल को न काटने के पीछे कई तरह की मान्यताएं हैं. यहां इन्ही बातों की चर्चा की गई है…


1. ऐसा माना जाता है कि पीपल को विष्णु का वरदान मिला है कि जो कोई शनिवार को पीपल की पूजा करेगा, उस पर लक्ष्मी की कृपा रहेगी. इसके उलट, पीपल को काटने वाले के घर की सुख-समृद्धि नष्ट होने की आशंका रहती है. इससे लोग पीपल को काटने से बचते हैं.
2. शास्त्रों में भी पीपल को हर तरह से उपयोगी माना गया है. इसके धार्मिक महत्त्व को आधार बनाकर इसे न काटने का नियम है.
3. ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन छोड़कर पर्यावरण को लाभ पहुंचाने में पीपल का शायद ही कोई जोड़ हो. पीपल की इस महत्ता को ध्यान में रखकर भी शास्त्रों में इसे काटने की मनाही की गई.
4. ऐसी मान्यता है कि पीपल की पूजा से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. इसके अनुसार, अगर कोई पीपल के वृक्ष को नुकसान पहुंचाता है, तो उसे शनि का कोप झेलना पड़ सकता है.
5. शास्त्रों में तो यहां तक कहा गया है कि अगर कोई पीपल को कटते हुए देखता भी है, तो उसे भी शनिदोष लगता है. इससे मुक्ति के लिए पीपल की पूजा और दान आदि का विधान बताया गया है.
दरअसल, शास्त्रों की रचना करने वालों ने इस तरह के नियम बनाए, जिससे मनुष्य के साथ-साथ पर्यावरण और पूरी पृथ्वी को लाभ हो. ऐसे में पीपल जैसे वृक्ष को काटने से मनाही एकदम स्वाभाविक ही है.

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