हिंदू धर्म में गाय को बहुत ही पवित्र और देवता के समान माना गया है, अनेक ग्रंथों में गौमूत्र से मिलने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी मिलती है. यहां तक कि वैज्ञानिकों ने भी गौमूत्र को कीटाणुनाशक और शरीर की कई बीमारियों को दूर करने में सहायक माना है
गोमूत्र में कार्बोलिक एसिड, यूरिया, फास्फेट, यूरिक एसिड, पोटैशियम और सोडियम होता है यानि शरीर की बीमारियों को ठीक करने के लिए जितने तत्वों की जरूरत होती है वो सब गौमूत्र में उपलब्ध हैं
आइए जानते हैं गौमूत्र से होने वाले चमत्कारी फायदे
1.वात,कफ और पित्त में कारगर : वात,कफ और पित्त के कुल 148 रोग होते हैं. इन रोगों को अकेले खत्म करने की क्षमता अगर किसी वस्तु में है तो वो है देसी गाय का गौमूत्र. वात, कफ और पित्त को सम अवस्था में लाने के लिए गौमूत्र सबसे ज्यादा कारगर साबित होता है.
2.पेट की समस्याओं के लिए फायदेमंद : एसिडिटी, हाईपर एसिडिटी, अल्सर, कब्ज और पेट में घाव जैसी समस्या होने पर गौमूत्र का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. इसके साथ ही पित्त के रोगियों के लिए गौमूत्र और पानी को बराबर मात्रा में मिलाकर उसका सेवन करना काफी फायदेमंद होता है.
3.रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : गौमूत्र का नियमित रुप से सेवन करने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और इसके सेवन से कई बीमारियां आपसे कोसों दूर भागने लगती हैं. जिससे बीमारियां शरीर में प्रवेश नहीं कर पाती हैं.
4.त्वचा की समस्याओं को दूर करे : गौमूत्र त्वचा की कई समस्याओं को दूर करता है. अगर आपकी त्वचा पर सफेद धब्बे हैं तो फिर गौमूत्र से अपनी त्वचा की मालिश करें. इससे त्वचा के सफेद धब्बे दूर हो जाएंगे. इसके अलावा दाद, खाज, खुजली और एग्जिमा पर हर रोज गौमूत्र लगाने से राहत मिलती है.
5.आंखों के काले घेरे मिटाने में कारगर : अगर आपकी आंखों के नीचे काले धब्बे हो गए हैं तो फिर अपनी आंखों के नीचे हर रोज सुबह के वक्त गौमूत्र लगाएं. इससे आंखों के नीचे के काले धब्बे दूर हो जाएंगे. अगर मौमूत्र ना मिले तो फिर उसके अर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं.
6.बुखार और बीमारी से दिलाए राहत : अगर कोई व्यक्ति किसी गंभीर और लंबी बीमारी से पीड़ित है तो फिर पीड़ित को कम से कम 3 महीने तक गौमूत्र का सेवन करना चाहिए. जबकि छोटी बीमारी के लिए 2 हफ्ते से 1 महीने तक गौमूत्र का सेवन करने से पीड़ित को काफी आराम मिलता है.
7.कई बीमारियों के इलाज में कारगर : आधा कप गोमूत्र सुबह खाना खाने के एक घंटे पहले पीने से बवासीर, आर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, दिल की बीमारी और कैंसर जैसी बीमारियों में फायदा पहुंचाता है. इससे सर्दी-खांसी, जुकाम, अस्थमा और टीबी जैसी बीमारियों को ठीक करने में मदद मिलती है.
8.टीबी रोग का जड़ से करे खात्मा : टीबी की बीमारी से पीड़ित मरीज अगर डाट्स की गोलियों के साथ गौमूत्र का सेवन करे तो इससे होनेवाला फायदा 20 गुना ज्यादा बढ़ जाता है. सिर्फ गौमूत्र पीने से टीबी की बीमारी 3 से 6 महीने में ठीक हो जाती है. जबकि डॉट्स की गोलियों और गौमूत्र का एक साथ सेवन करने से टीबी 2 से 3 महीने में ठीक हो जाती है.
9.आंख के रोगों में फायदेमंद : मोतियाबिंद, ग्लुकोमा, रैटिनल डिटैचमेंट जैसी आंखों की गंभीर बीमारियों के साथ-साथ आंखों का लाल होना, आंखों से पानी निकलना और आंखों में जलन जैसी समस्या होने पर गौमूत्र का सेवन करना चाहिए. गौमूत्र का सेवन करने से आंखों से चश्मा भी उतर जाता है.
10.मूत्र व किडनी के रोग में कारगर : मूत्र पिंड के सभी रोग जैसे किडनी फेल होने और किडनी के दूसरे तकलीफों से निजात दिलाने के लिए गौमूत्र को काफी कारगर माना गया है. इन समस्याओं से राहत पाने के लिए हर रोज सुबह के वक्त आधा कप गौमूत्र का सेवन करना चाहिए.
गौरतलब है नियमित रुप से गौमूत्र का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे किसी भी बीमारी का खतरा नहीं होता है और व्यक्ति लंबे समय तक स्वस्थ और सेहतमंद बना रहता है.
गौमूत्र सेवन में रखी जाने वाली सावधानी
- गोमूत्र को हमेशा निश्चित तापमान पर रखें।
- गोमूत्र ऋतु पर निर्भर करती है। चूँकि इसकी प्रकृति कुछ गर्म होती है इसीलिए गर्मियों में इसकी मात्रा कम लेनी चाहिए।
- 8 वर्ष से कम बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को गोमूत्र अर्क वैद्य की सलाह के अनुसार ही दें।
- मिट्टी, कांच या स्टील के बर्तन में ही गोमूत्र रखें गौ मूत्र को आप 45 दिन तक ही रख सकते हैं।
- गौ मूत्र को हमेशा ताजा ही पीना चहिये।
- कमजोर और थकान से पीड़ित व्यक्तियों का बच्चों को गौ मूत्र का सेवन नहीं करना चाहिए।
Credit : Pundit Pradeep Upmanyu Ji
श्रीमान महोदय, आपने गो मूत्र सेवन के जो फायदे बताये गए अति उत्तम है लेकिन किस बीमारी में कब और कितना लेना है एवम उसके परहेज क्या है । कृपया विस्तृत बतावें ।
हम क्षमा चाहेंगे, हमने आपके निर्देशानुसार इनफार्मेशन को अपडेट कर दिया है.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद्.