धरती पर कई जगह भौगोलिक गतिविधियों के कारण गर्म पानी के 8 कुण्ड और झरने पाए जाते है। इनमे से अधिकतर कुंडों में विशेष औषधीय गुण होते है क्योंकि इनमे में कई तरह के खनिज तत्व उपस्थित होते हैं। इसलिए इन गर्म पानी के कुंडों में स्नान करने से कई तरह के रोग व बीमारियां ठीक हो जाती हैं, खासकर त्वचा सम्बन्धी। भारत में भी कई जगह ऐसे कुण्ड पाए जाते है जिनमे से कई धार्मिक तीर्थस्थल पर है जिनसे इनका महत्तव कई गुना बढ़ जाता है। धार्मिक जगह और औषधीय गुणों के कारण यहाँ पर साल भर भक्तो की भीड़ लगी रहती है। आइए जानते है भारत में स्तिथ कुछ ऐसे ही कुंडो के बारे में।
1. राजगीर के जल कुंड : पटना के समीप राजगीर को भारत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। यह कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी। राजगीर न सिर्फ एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल है, बल्कि एक खूबसूरत हेल्थ रेसॉर्ट के रूप में भी लोकप्रिय है। देव नगरी राजगीर सभी धर्मो की संगमस्थली है। कथाओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा बसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड परिसर में एक यज्ञ का आयोजन कराया था। इसी दौरान आए सभी देवी-देवताओं को एक ही कुंड में स्नान करने में परेशानी होने लगी। तभी ब्रह्मा ने यहां 22 कुंड और 52 जलधाराओं का निर्माण कराया था। वैभारगिरी पर्वत की सीढिय़ों पर मंदिरों के बीच गर्म जल के कई झरने हैं, जहां सप्तकर्णी गुफाओं से जल आता है। ऐसी संभावना जताई जाती है कि इसी पर्वत पर स्थित भेलवाडोव तालाब है, जिससे ही जल पर्वत से होते हुए यहां पहुंचता है। इस पर्वत में कई तरह के केमिकल्स जैसे सोडियम, गंधक, सल्फर हैं। इसकी वजह से जल गर्म और रोग को मिटाने वाला होता है। यहां पर आप 22 कुंडों में स्नान कर सकते हैं।
इन कुंडों के नाम अलग-अलग हैं। ब्रह्मकुंड सबसे महत्वपूर्ण हैं। इसका तापमान 45 डिग्री सेल्सियस होता है। इसे पाताल गंगा भी कहा जाता है। सभी झरनों में स्नान करने के बाद इस कुंड में भी लोग स्नान करते हैं। जो सप्तधाराएं बहती हैं, उसके नाम भी ऋषि-मुनियों के नाम पर रखे गए हैं। 22 कुंडों में ब्रह्मकुंड के अलावा मार्कंडेय कुंड, व्यास कुंड, अनंत ऋषि कुंड, गंगा-यमुना कुंड, साक्षी धारा कुंड, सूर्य कुंड, गौरी कुंड, चंद्रमा कुंड, राम-लक्ष्मण कुंड। राम-लक्ष्मण कुंड में एक धारा से ठंडा और दूसरे से गर्म पानी निकलता है।
2. बकरेश्वर जल कुंड पश्चिम बंगाल : बकरेश्वर, पश्चिम बंगाल का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इसकी पश्चिम बंगाल के भ्रमण स्थलों में एक अलग पहचान है, क्योंकि यहां गर्म पानी के 10 कुंड स्थित है। जिसमे सबसे गर्म कुण्ड , अग्नि कुण्ड (67ºC) है। इसके अलावा यहाँ पर भैरव(65ºC), खीर(66ºC), नृसिंह(66ºC), सूर्या(66ºC), सौभाग्य कुण्ड(45ºC), पापहरा कुण्ड(48ºC) आदि अन्य कुण्ड है। यहां देश के कोने-कोने से लोग पवित्र कुंडों में स्नान के लिए आते हैं। इन कुंडों में स्नान से कई रोग दूर हो जाते हैं।
3. मणिकरण कुंड हिमाचल प्रदेश : मणिकरण हिमाचल प्रदेश में कुल्लू से 45 किलोमीटर दूर है। यह जगह खासतौर पर गर्म पानी के चश्मों के लिए जानी जाती है। यहां के जल में अधिक मात्रा में सल्फर, यूरेनियम व अन्य रेडियोएक्टिव तत्व पाए जाते हैं। इस पानी का तापमान बहुत अधिक है। यह स्थान हिंदू व सिखों के लिए आस्था का केंद्र है। साथ ही, माना जाता है कि सिखों के पहले गुरु नानक देव अपने साथी मर्दाना के साथ यहां आए थे। यह गुरुद्वारा उन्हीं की याद में बना है। यहां एक प्रसिद्ध राम मंदिर है। कहा जाता है कि यहां एक मूर्ति अयोध्या से लाकर स्थापित की गई थी। इसके अलावा, वहां और भी कई मंदिर हैं। यहां आने वाले लोगों को गर्म पानी चश्मों से पानी लेकर दाल-चावल बनाते देखा जा सकता है। यहां की वैली को पार्वती वैली कहा जाता है और यहां फिशिंग का अपना ही मजा है। आप कुल्लू से बस या टैक्सी के जरिए मणिकरण पहुंच सकते हैं।
गर्म पानी चश्मों के लिए यहां भगवान शिव व देवी पार्वती से जुड़ी कई कहानियां प्रचलित हैं।ऐसी ही एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती के कान की बाली (मणि) यहां गिर गयी थी और पानी में खो गयी। खूब खोज-खबर की गयी लेकिन मणि नहीं मिली। आखिरकार पता चला कि वह मणि पाताल लोक में शेषनाग के पास पहुंच गयी है। जब शेषनाग को इसकी जानकारी हुई तो उसने पाताल लोक से ही जोरदार फुफकार मारी और धरती के अन्दर से गरम जल फूट पडा। गरम जल के साथ ही मणि भी निकल पडी। आज भी मणिकरण में जगह-जगह गरम जल के सोते हैं।
4. अत्रि जल कुंड, ओडिशा : ओडिशा का अत्रि उसके सल्फर युक्त गर्म पानी के कुंडों के लिए प्रसिद्ध है। यह जलकुंड भुबनेश्वर से 42 कि.मी. दूर स्थित है। इस कुंड के पानी का तापमान 55 डिग्री है। कुंड में स्नान करने से बहुत ताजगी महसूस होती है व थकान दूर हो जाती है। इसके अलावा अत्रि जाएं तो वहां के हाटकेश्वर मंदिर के दर्शन करना न भूलें।
5. यूमेसमडोंग कुंड सिक्किम : यूमेसमडोंग सिक्किम के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। उत्तर-पूर्वी राज्य में स्थित ये कुंड 15500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यूमेसमडोंग में 14 सल्फर के जल से युक्त कुंड हैं। जिनका तापमान लगभग 50 डिग्री रहता है। इनमे सबसे प्रसिद्ध बोरोंग और रालोंग है जहाँ साल भर पर्यटकों का तांता लगा रहते है।
6. पनामिक कुंड लद्दाख : नुब्रा वैली का मतलब है फूलों की घाटी। यह वैली सियाचिन ग्लैशियर से 9 कि..मी. की दूरी पर स्थित है। यह स्थान गर्म पानी के कुंड के लिए भी जाना जाता है। यहां का पानी बहुत अधिक गर्म होता है। पानी से बुलबुले निकलते दिखाई देते हैं। पानी इतना गर्म होता है कि इसे छुआ नहीं जा सकता।
7. तुलसी श्याम कुंड गुजरात : तुलसी श्याम कुण्ड, जूनागढ़ से 65 किलो मीटर की दुरी पर स्तिथ है। यहाँ पर गर्म पानी के तीन कुण्ड है। इनकी खासियत यह है की तीनो में अलग-अलग तापमान का पानी रहता है। तुलसी श्याम कुण्ड के पास ही 700 साल पुराना रुकमणि देवी का मंदिर है। इसके अलावा गुजरात में ही टुवा टिम्बा (Tuva Timba) में भी गर्म पानी के कुण्ड है।
8. झारखंड के 60 गर्म पानी के कुण्ड : गर्म पानी के स्रोतों के मामले में झारखण्ड, भारत में सबसे आगे है। यहाँ पर 60 हॉट वाटर स्प्रिंग्स है। जिनमे से कुछ प्रमुख है तत्लोई, थराई पानी, नम्बईल, तपत पानी, सुषुमन पानी, रणेश्वर, चरक खुर्द, सिद्धपुर, सूरज कुंड, आदि।
पोस्ट क्रेडिट : पंडित श्री दीनदयाल जी महाराज
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