लाल किताब के अनुसार चन्द्र की युति अन्य ग्रहों के साथ और उसका फल की चर्चा में आज हम चर्चा करेंगे चन्द्र ग्रह की, नवग्रहों में चन्द्र को रानी का दर्जा प्राप्त है. सूर्य के समान इसकी भी एक राशि है कर्क राशि जो जल तत्व की राशि होती है. इसे मन और चंचलता का कारक माना जाता है. जहां तक इसकी प्रकृति की बात यह है तो यह शांत व सौम्य ग्रह होता है. इसका रंग सफेद होता है. चन्द्रमा जब कुण्डली में किसी अन्य ग्रह के साथ युति सम्बन्ध बनाता है तो कुछ ग्रहों के साथ इसके परिणाम शुभ फलदायी होते हैं तो कुछ ग्रहों के साथ इसकी शुभता में कमी आती है. आपकी कुण्डली में चन्द्रमा किसी ग्रह के साथ युति बनाकर बैठा है तो इसके परिणामों को आप इस प्रकार देख सकते हैं.
1. चन्द्र व सूर्य की युति:- अगर आपकी कुण्डली में चन्द्र के साथ सूर्य विराजमान है तो आप कुटनीतिज्ञ होंगे. इस युति के प्रभाव के कारण आपकी वाणी में नम्रता व कोमलता की कमी हो सकती है तथा आप अभिमानी हो सकते हैं जिससे लोगों के प्रति आपका व्यवहार रूखा हो सकता है. इन स्थितियों में सुधार के लिए आपको चन्द्र के उपाय करने चाहिए.
2.चन्द्र व मंगल की युति:- कुण्डली में मंगल के साथ चन्द्र का स्थित होना यह संकेत देता है कि परिणाम की चिंता किए बगैर आप अपने कार्य में जुट जाते हैं जो कभी-कभी आपके लिए परेशानियों का भी कारण बन जाता है. आपकी कुण्डली में चन्द्र मंगल की युति है तो वाणी पर नियंत्रण रखना आपके लिए बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि, बोल चाल में आप आक्रोशित होकर ऐसा कुछ बोल सकते हैं जिनसे लोग आपसे नाराज़ हो सकते हैं.
3. चन्द्र व बुध की युति :- चन्द्र के साथ बुध की युति शुभ फल देने वाली होती है. अगर आपकी कुण्डली में इन दोनों ग्रहों की युति बन रही है तो आप कूटनीतिज्ञ हो सकते हैं. अपनी वाणी से लोगों को आसानी से लोगों का दिल जितना आपको अच्छी तरह आता जिससे व्यावसायिक क्षेत्रों में आपको अच्छी सफलता मिलती है.
4. चन्द्र व गुरू की युति :- कुण्डली में चन्द्र के साथ गुरू की युति होना यह बताता है कि आप ज्ञानी होंगे. आपको शिक्षक एवं सलाहकार के रूप में अच्छी सफलता मिलेगी. लेकिन, आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि मन में अभिमान की भावना नहीं आये. इसके अलावा आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि बिना मांगे किसी को सलाह न दें क्योंकि बिना मांगे दी गई सलाह के कारण लोग आपसे दूरियां बनाने की कोशिश करेंगे.
5.चन्द्र व शुक्र की युति :- ज्योतिषशास्त्र की मान्यता है कि जिस व्यक्ति की कुण्डली में चन्द्रमा शुक्र के साथ युति सम्बन्ध बनाता है वह सौन्दर्य प्रिय होते हैं. अगर आपकी कुण्डली में भी इन दोनों ग्रहों का युति सम्बन्ध बन रहा है तो हो सकता है कि आप अधिक सफाई पसंद व्यक्ति होंगे. कला के क्षेत्रों से आपका लगाव रहेगा. आप लेखन में भी रूचि ले सकते हैं. अत: अलस्य से दूर रहना चाहिए. दिखावे की प्रवृति से भी आपको बचन चाहिए. सुखों की चाहतों के कारण आप थोड़े आलसी हो सकते हैं
6.चन्द्र व शनि की युति :- चन्द्रमा के साथ बैठा शनि यह दर्शाता है कि व्यक्ति ईमानदार, न्यायप्रिय एवं मेहनती है. अगर आपकी कुण्डली में चन्द्र व शनि की यह स्थिति बन रही है तो आप भी परिश्रमी होंगे और मेहनत के दम पर जीवन में कामयाबी की तरफ अग्रसर होंगे.
न्यायप्रियता के कारण अन्याय के विरूद्ध आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगे. इस युति के प्रभाव के कारण कभी-कभी आप निराशावादी हो सकते हैं जिससे मन दु:खी हो सकता है अत: आशावादी बने रहना चाहिए.
7. चन्द्र व राहु की युति :- इन दोनों ग्रहों की युति कुण्डली में होने पर व्यक्ति रहस्यमयी विद्याओं में रूचि रखते हैं. अगर आपकी कुण्डली में यह युति बन रही है तो शिक्षा प्राप्त कर आप वैज्ञानिक बन सकते हैं. शोध कार्यों में भी आपको अच्छी सफलता मिल सकती है.
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