बुद्धि, वाणी और संवाद का कारक बुध ग्रह आज 3 दिसंबर 2017 को धनु राशि में वक्री हो गया है। इसी दौरान बुध 11 दिसंबर 2017 को वृश्चिक राशि में चला जाएगा। 23 दिसंबर 2017 को बुध पुन: मार्गी हो जाएगा। ये अवधि लगभग 20 दिनों की होगी। बुध की इस चाल का असर सभी राशियों पर होगा।
मेष – बुध ग्रह को बुद्धि, संवाद और संचार का कारक कहा जाता है, इसलिए इस अवधि में आपको कम्युनिकेशन स्किल्स के मामले में सावधानी रखनी होगी। क्योंकि इसका सीधा प्रभाव आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा और गरिमा पर पड़ सकता है, अत: बेहतर होगा कि इस समय में आप सोच-समझकर बोलें और वाणी पर संयम रखें। इस अवधि में आपके भाई-बहनों को किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है, ऐसी स्थिति में उन्हें आपकी मदद की जरुरत होगी। इस समय में आपके निर्णयन शक्ति पर असर पड़ सकता है। इसके फलस्वरुप आपको फैसले लेने में कठिनाई होगी। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि आप चीजों को लेकर थोड़े लापरवाह हो जाएं और गलती करें। ध्यान रखें एक गलत फैसला आपके लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए बेहतर होगा कि चिंतन-मनन करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचे। गोचर की समय अवधि में आप अपनी बात को रखने में मुश्किल हो सकती है। परिणामस्वरुप आपको अपनी बात मनवाने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।
वृषभ – दाम्पत्य जीवन के लिए यह समय थोड़ा कष्टकारी रहने की संभावना है। क्योंकि इस अवधि में आपके बीच मतभेद होने से समस्या उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान बेवजह की बहसबाजी और विवाद से बचें। बेहतर होगा कि जीवनसाथी के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनको पूर्ण सहयोग दें। दाम्पत्य जीवन में होने वाले छोटे-मोटे मनमुटाव को ज्यादा गंभीरता से ना लें। पार्टनरशिप में बिजनेस करने वाले जातकों के लिए भी यह समय संभलकर चलने वाला होगा। क्योंकि किसी बात को लेकर बिजनेस पार्टनर के साथ आपके मतभेद हो सकते हैं। इस अवधि में आप आगे बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और किसी भी तरह के बंधन में रहना पसंद नहीं करेंगे। आपके इन प्रयासों से दूसरों को ईर्ष्या हो सकती है। इसका असर आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर पड़ सकता है, इसलिए ऐसे लोगों से बचकर रहें जो आपके काम से ईर्ष्या का भाव रखते हैं। इस अवधि में आपको अपनी स्वयं की प्रशंसा करवाना बहुत पसंद होगा परंतु जब इसके विपरीत स्थिति होगी तो आप को कष्ट होगा।
मिथुन – बुध की इस गोचरीय अवधि में आपका आर्थिक बजट गड़बड़ा सकता है। इस दौरान आपके खर्चों में बढ़ोत्तरी होगी। ना चाहते हुए भी आपकी अपनी आमदनी का एक हिस्सा बेवजह खर्च हो जाएगा, इसलिए बेहतर होगा कि इस समय में आप आर्थिक प्रबंधन करें और फिजूलखर्ची पर नियंत्रण रखें। कार्यस्थल या परिवार में विवाद की स्थिति बन सकती है या पहले से कोई विवाद चल रहा है तो उसके बढ़ने के आसार हैं। इसलिए बेहतर होगा कि दोनों स्थिति में संयम के साथ काम लें और बातचीत के जरिये मामले को सुलझाने की कोशिश करें। इस दौरान क्रोध करने से बचें वरना स्थिति और बिगड़ सकती है। इस अवधि में आपके विरोधी अथवा शत्रुओं का पक्ष आपकी तुलना में अधिक मजबूत रह सकता है, अत: विरोधियों के मामले में थोड़ा सावधान रहने की जरुरत है। इस समय में होने वाली यात्राएं सामान्यत: अच्छी रहेंगी लेकिन जितनी आप आशा करेंगे उतनी लाभकारी सिद्ध नहीं होंगी। सेहत पर ध्यान देने की जरुरत होगी, क्योंकि आपको कुछ शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है, विशेषकर त्वचा से संबंधित विकार हो सकते हैं। आपको पहले से बनाए हुए प्लान के अनुसार कार्य करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए थोड़ा संयम बरतने की जरुरत होगी।
कर्क – बुध के गोचर की इस अवधि में आपके अंदर एक ऐसी भावना जागृत होगी। जिसके फलस्वरुप आप अपने प्रियजनों की बहुत देखभाल और चिंता करेंगे। हालांकि आवश्यकता से अधिक केयरिंग यानि देखभाल आपके प्रियजनों को परेशान कर सकती है, इसलिए आप उन लोगों को लेकर जरुरत से ज्यादा परेशान ना हों। इस अवधि में आप अपने रास्ते में आ रही चुनौतियों का बड़े ही साहस के साथ सामना करेंगे। इस दौरान आपकी नौकरी में परिवर्तन हो सकता है। यदि किसी कानूनी मामले में फंसे हैं तो फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। इस बीच ख़र्चों में वृद्धि होने की संभावना है। इस समय अवधि में आपके स्वभाव में बार-बार परिवर्तन देखने को मिलेगा, जो कुछ मामलों में आपके लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें।
सिंह – बुध के इस गोचर के प्रभाव से आप खुद को साबित करने के लिए जोश और जुनून के साथ कोशिश करेंगे। हालांकि इस दौरान आपके अंदर अहंकार की प्रवृत्ति भी हावी हो सकती है इसलिए आपको चाहिए कि, आप हर परिस्थिति में लोगों के प्रति समभाव रखें और अहंकार को हावी ना होने दें। छात्रों को इस अवधि में मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। हालांकि परीक्षा में सफलता मिलने की पूरी संभावना है। इस अवधि में आप निजी और व्यावसायिक जीवन में आप कुछ ऐसा कार्य भी कर सकते हैं, जिसे करने के बाद आपको पछताना पड़े। इसलिए जो भी काम करें सोच-समझकर करें। इस समय में आप हर कार्य को अकेले दम पर और बेहतर ढंग से पूरा करने में विश्वास रखेंगे। इस दौरान आपके अंदर अति आत्मविश्वास की भावना पनप सकती है। जिस पर आपको नियंत्रण रखना होगा वरना इसके नकारात्मक परिणाम देखने को भी मिल सकते हैं।
कन्या – बुध ग्रह आपकी राशि का स्वामी है इसलिए बुध के वक्री होने का असर आपकी संवेदनशीलता पर पड़ सकता है। इसका परिणाम यह होगा कि या तो आप बहुत संवेदनशील हो जाएंगे और अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे। वहीं दूसरी ओर आप थोड़े असंवेदनशील हो सकते हैं और इसका असर आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों पर पड़ सकता है। गोचर की यह अवधि बेहद महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इस दौरान आप जो भी कार्य करेंगे, उसका अच्छा फल आपको आने वाले दिनों में मिलेगा। कुल मिलाकर इस अवधि में किये जाने वाले सभी अहम काम आपके जीवन को एक नई दिशा देंगे। वहीं इस अवधि में कार्यक्षेत्र में आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए नौकरी और बिजनेस के मामले में थोड़ा संभलकर चलना आपके लिए फायदेमंद होगा। बेहतर होगा कि आप कोई भी फैसला जल्दबाजी में ना लें। मन में कई तरह के विचार आने से आपको फैसले लेने में दिक्कत हो सकती है, इसलिए इस अवधि में जरुरत से ज्यादा ना सोचें।
तुला – इस अवधि में आप दूसरों की बातों को सुनना ज्यादा पसंद नहीं करेंगे और अपनी ही मस्ती में मस्त रहेंगे। आपके इस व्यवहार को परिवार के सदस्य और मित्र आपका अहंकार भी समझ सकते हैं, इसलिए अच्छे संबंध बनाये रखने के लिए दूसरों को सुनें और उन्हें समय दें। इस अवधि में धन हानि और मान हानि हो सकती है, अत: धन से जुड़े मामलों में थोड़ी सावधानी बरतें। वहीं दूसरों से व्यवहार करते हुए समय संयमित वाणी बोलें। इस गोचरीय अवधि के दौरान आपके कार्यों में विलंब हो सकता है। इसकी सबसे बड़ी वजह कार्य के प्रति आपकी लापरवाही हो सकती है।
वृश्चिक – इस समय आप दूसरों की भावनाओं को अधिक महत्व देंगे। हालाँकि बदले में आप उनका अटेंशन अपनी ओर चाहेंगे। इस समय आप अधिक संवेदनशील बनेंगे इसलिए आप अपने साथ साथ दूसरों के बारे में भी सोचेंगे, परंतु आपको इसमें तालमेल बिठाना होगा। आप अपने संसाधनों का उचित प्रयोग करेंगे जिसका आपको लाभ मिलेगा। आपके द्वारा गुप्त योजनाएँ भी बनाई जा सकती हैं। इस समय अपनी सेहत का ख्याल रखें और मानसिक तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें। तनाव से बचने के लिए आप इस अवधि में अधिक सामाजिक बनें।
धनु – इस समय आप अपनी आंतरिक क्षमता का विकास करेंगे। एक जुनूनी शख़्स की तरह आप अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेंगे। हालांकि इससे पहले आप ख़ुद को चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करें। स्वयं की कमियों और शक्तियों का अवलोकन करें। यदि आप ऐसा करने में सफल रहे तो आप इस अवधि में बुलंदियों को छुएंगे। आपके लिए सफलता के मार्ग खुलेंगे। इस समय आप ज़िद्दी स्वभाव के हो सकते हैं, परंतु इस ज़िद का प्रयोग आप कहाँ करेंगे। यह आपको तय करना होगा। इस समय आपके स्वभाव में साहस क्षमता बढ़ेगी और आप बड़ी से बड़ी चुनौतियों को सहर्ष स्वीकारेंगे।
मकर –इस समय आप ऐसा कोई कार्य न करें जो विधि और नैतिकता के विरुद्ध हो। कई मौक़ों में आप ख़ुद को एक आज़ाद पंछी की तरह महसूस करें। हालाँकि फिर भी आपको एक अनुशासित दायरे में लाना होगा और अपने कर्तव्यों को निर्वहन करना होगा। कार्यक्षेत्र में इस समय ग़लतियाँ न करें अन्यथा आपको इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है। समय का साथ मिलेगा इसलिए आप इसमें मेहनत करते हैं तो करियर में सफलता प्राप्त करेंगे। भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में ख़ुद का समायोजन कैसे करें, आपको यह कला सीखनी होगी।
कुंभ – यह अवधि आपके लिए ज़्यादा अनुकूल नहीं दिख रही है इसलिए आपको हर क्षेत्र में अनुशासित रहकर कार्य करने होंगे। इस समय आपको सफलता पाने के लिए अपने ज्ञान और कौशल का प्रयोग करना होगा। इस अवधि में भावुक होने से बचें और अपने लक्ष्य पर फोकस करें। किसी कार्य को लेकर पूर्वाग्रह की स्थिति में न रहें, बल्कि सोच-विचार के बाद ही कोई निर्णय लें। इस समय में आपका मन चंचल रह सकता है, इसलिए आपको इस पर नियंत्रण रखना होगा। मन को शांत रखें। आर्थिक फ़ैसले लेते समय उसके हर पहलुओं पर विचार अवश्य कर लें।
मीन – इस अवधि में आप अति भावुक हो सकते हैं और इससे आपकी निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, इसलिए आपको इस दौरान अति भावुक स्वभाव से बचना होगा। इस समय बेहद सोच समझकर कोई कार्य करें। समय आपको आगे बढ़ने का मौक़ा देगा, इसलिए मौके को भुनाने के लिए तैयार रहें। अपने ऊपर विश्वास रखें और कार्य का चयन भी ऐसा करें जिसे आप आसानी से पूरा कर सकें, क्योंकि इस समय आपको ग़लती से बचना होगा। यदि आप इस नीति को अपनाकर उसे क्रियान्वित करेंगे फिर आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा।
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