जिस दिन आप पैदा होते हैं, आप अपने भाग्य के अंक के साथ जुड़ जाते हैं। आपके भाग्य का खाता खुल जाता है। यदि आप अपने भाग्य के अंक के मित्र अंकों के साथ हैं तो जीवन सुखमय है और यदि शत्रु अंकों के साथ हैं तो जीवन दु:खमय बना रहेगा।
इसलिए, सुखी जीवन के लिए यह आवश्यक है कि आप अपने जीवन में भाग्य के मित्र अंकों के आधार पर ही अपनी विद्या, व्यापार, रहने का देश, शहर, दिशा आदि का चयन अपने भाग्य के अंक के साथ मिलान कर उसके मित्र अंकों के आधार पर करें तो आपका जीवन सुखमय हो जाएगा।
अंक है तो सब कुछ है अंक नहीं तो कुछ भी नहीं, या यूं कहिए की सारी सृष्टि अंकों के आधार पर टिकी हुई है। दुनिया की चाहे कोई भी चीज हो उसकी वास्तविक पहचान केवल अंकों के आधार पर ही होती है। अंको का खेल निराला है, लेकिन उससे भी खास है उनपर विश्वास करने वालों का जूनून।
एक वक्त था जब अंकों यानी नंबरों में कुछ खास लोगों को ही दिलचस्पी हुआ करती थी, वह भी एक बदनाम खेल की वजह से…।
लेकिन अब अंकों का गुणा-भाग हर कोई कर रहा है। लकी नंबर्स इस्तेमाल करने वालों की तादाद दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वीआईपी से लेकर कॉमन मैन तक गाड़ी से लेकर मोबाइल और एटीएम कार्ड तक में इन नंबर्स का उपयोग कर रहे हैं…
चाहे गैस, ठोस, तरल पदार्थ हों या अन्य वस्तुएं, आपकी आयु के वर्ष, लेखा-जोखा, घर का नम्बर, फोन नम्बर, दूरियां, क्षेत्रफल या अन्य कोई भी ऐसी चीज नहीं, जिसकी माप में अंकों का प्रयोग न होता हो।
यदि अंकों का ज्ञान न रहे तो अंकों के बिना सारा संसार स्थिर-सा हो जाएगा जैसे कि बिना आत्मा के शरीर
अलग-अलग ग्रहों के अपने अंक होते हैं जो व्यक्ति की राशियों पर अनुकूल और व्यापक असर डालते हैं-
जैसे किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अच्छा है तो उसके लिए 1 अंक शुभ होगा, इसी तरह 2 चंद्रमा का, 3 गुरु का, 4 राहू का, 5 बुध का, 6 शुक्र का, 7 केतु का, 8 शनि का और 9 मंगल का शुभ अंक है।
आपके नाम के अक्षरों का योग आपके जन्म की तारीख से मेल खाता हुआ होना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास करने पड़ेंगे।
नेपोलियन ने अपने नाम का केवल एक ही अंक बदला था। उसने अपने पुराने नाम नेपोलियनी में से इ की मात्रा हटाकर नेपोलियन किया ही था कि मानो उसके भाग्य में तूफान-सा आ गया। उसके नाम का अंक था 9 और उसकी पत्नी जब 40 वें वर्ष से गुजर रही थी, तो उसका योग 4+0=4 का अंक आया। इस अंक की 9 अंक के साथ शत्रुता होने के कारण उसकी पत्नी का देहांत हो गया। वर्ष 1815 जिसका योग 1+8+1+5=15,1+5=6 आता है, जो कि नाम के 9 अंक के उल्टा है। इस कारण वह युद्ध में बुरी तरह हार गया।
आपने कभी सोचा है कि भाग्य का अंक (जन्मदिन व दिनांक आपके नाम के अंक के साथ
कितनी मित्रता या शत्रुता रखता है, क्योंकि इसी के आधार पर आपके जीवन में आने वाले सुख एवं दुख का निर्णय हो सकेगा। यदि आपके नाम का अंक आपके भाग्य के अंक के साथ मित्रता रखता है तो जीवन दुःखमय, संघर्षपूर्ण एवं समस्याओं से घिरा रहेगा।
इस प्रकार यदि आपकी दुकान, फैक्ट्री, बच्चों, पत्नी, मित्रों, बिजनेस पार्टनरों इत्यादि के नामों से मित्रता है तो जीवन आनंदमय होगा अन्यथा कोई न कोई परेशानी लगी रहेगी।
आपके जीवन में जितना महत्व नाम के अंकों का है, उतना ही महत्व दिनों के अंक, ग्रहों के अंक, रंगों के अंक, आपके घर का अंक, मकान की दिशा व उसके अंक का होता है। इन्हें आप अंकों के ज्ञान से अपने भाग्य के अंक के अनुकूल बनाकर अपना जीवन आनंदमय बना सकते हैं।
अंकों में मित्रता व शत्रुता
अंकों की आपसी मित्रता व शत्रुता में ही आपका भविष्य छुपा हुआ है। उदाहरण के तौर पर अंक 9 एवं 4 एक-दूसरे के शत्रु हैं। यदि आपके भाग्य का अंक 9 है व आपके नाम के अक्षरों के योग का अंक 4 है तो आपका नाम ही आपके लिए बहुत बड़ी समस्या बन जाएगा और सारा जीवन संघर्षमय बना रहेगा।
अंक 9 मंगल का है और अंक 4 राहु का। यह दोनों एक-दूसरे के दुश्मन हैं। 9 का रंग लाल एवं 4 का रंग भूरा है। इसलिए 9 अंक वाले व्यक्ति कभी भी भूरे रंग का प्रयोग न करें। इस रंग के पर्दे, कालीन व दीवारों का रंग भी उन पर बुरा असर करेगा। इसी प्रकार 4 अंक वाले व्यक्तियों को लाल रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए। लाल रंग की कार न चलाएं नहीं तो दुर्घटना का भय बना रहेगा।
Leave a Comment