अमरनाथ श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग चल रही है। बाबा बर्फानी की गुफा में हर साल बनने वाली पवित्र शिवलिंग की पहली तस्वीर सामने आई है। इस बार बाबा बर्फानी विशाल रूप में प्रकट हो चुके हैं। अमरनाथ गुफा के आसपास कई फीट बर्फ जमी है, जो शिवलिंग के आकार को बरकरार रखने में मददगार साबित होगी।
अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होगी और सात अगस्त को समाप्त होगी। अगर समूह में रजिस्ट्रेशन कराना है तो इसके लिए समूह में 5 या उससे अधिक लोगों का होना आवश्यक है। ग्रुप रजिस्ट्रेशन के लिए प्रति व्यक्ति 150 रुपए शुल्क है। गौरतलब है कि जो लोग यात्रा में भंडारा लगाते हैं वे 5 जून से यहां पहुंचना आरंभ कर देंगे इसलिए बर्फ को काटकर चंदनबाड़ी का रास्ता पूरा साफ कर दिया गया है। अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होगी और सात अगस्त को समाप्त होगी।
कुछ विद्वानों का मत है कि भगवान शंकर जब पार्वती को अमर कथा सुनाने ले जा रहे थे, तो उन्होंने छोटे-छोटे अनंत नागों को अनंतनाग में छोड़ा, माथे के चंदन को चंदनबाड़ी में उतारा, अन्य पिस्सुओं को पिस्सू टॉप पर और गले के शेषनाग को शेषनाग नामक स्थल पर छोड़ा था। ये तमाम स्थल अब भी अमरनाथ यात्रा में आते हैं। अमरनाथ गुफा का सबसे पहले पता सोलहवीं शताब्दी के पूर्वाध में एक मुसलमान गडरिए को चला था। आज भी चौथाई चढ़ावा उस मुसलमान गडरिए के वंशजों को मिलता है। आश्चर्य की बात यह है कि अमरनाथ गुफा एक नहीं है। अमरावती नदी के पथ पर आगे बढ़ते समय और भी कई छोटी-बड़ी गुफाएं दिखती हैं। वे सभी बर्फ से ढकी हैं।
Leave a Comment