इस बार अक्षय तृतीया बिलकुल उन्हीं संयोगों के बीच मनाई जाएगी, जिन संयोगों में भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। यानी अक्षय तृतीया पर्व पर वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि, रोहणी नक्षत्र । इसी दिन राजयोग व रवि योग का संयोग भी बन रहा हैं । अक्षय तृतीया से जुड़ी कुछ रोचक बातें धर्म ग्रंथों के अनुसार अक्षय तृतीया से ही त्रेतायुग का आरंभ भी माना जाता है। इस दिन से ही भगवान बद्रीनारायण के पट खुलते हैं। वर्ष में एक बार वृंदावन के श्री बांकेबिहारीजी के मंदिर में श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान नर-नारायण ने अवतार लिया था। भगवान विष्णु के अवतार श्रीपरशुरामजी का अवतार भी इसी दिन हुआ था।
अक्षय तृतीया पर किये जाने वाले खुशहाली के उपाय
1. मां तुलसी को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। आखातीज पर तुलसी में देवपूजा या पवित्र जल चढ़ाएं। तुलसी में अपवित्र जल न डालें और शाम और रात के वक्त तुलसी के पत्ते न तोडें।
2. आखातीज को किसी तीर्थ या पवित्र जलाशय पर जाकर अघ्र्य दें। पवित्रता में मां लक्ष्मी का वास माना गया है। इसलिए माना जाता है कि तीर्थस्थान पर जाने मात्र से भी माता लक्ष्मी की कृपा होती है।
3. शाम के वक्त घर के प्रवेश द्वार व तुलसी के पौधे के करीब गाय के घी का दीप जलाएं। शाम का वक्त मां लक्ष्मी का भ्रमण काल भी माना जाता है। वहीं तुलसी और गाय पवित्र व लक्ष्मी स्वरूपा मानी गई है।
4. सुबह और शाम होने से पहले घर में आंगन में पानी छिड़कें। अशोक के पेड़ में जल चढ़ाएं व उसका पत्ता गंगाजल में धोकर देवालय में रखें और किसी भी लक्ष्मी मंत्र से माता लक्ष्मी का ध्यान कर भरपूर सुख-समृद्धि की कामना करें।
5. इन सब उपायों की शुरुआत सुबह जागें तो सबसे पहले हथेलियों और हाथों की लकीरों को देखकर करें। शास्त्रों में लिखा है कि कराग्रे वसते लक्ष्मी यानी हाथों के अगले हिस्से में माता लक्ष्मी का वास माना गया है।
किस राशी के जातक क्या करें इस दिन
मेष इस राशि वाले जातक भगवान गणेशजी के दर्शन करें एवं ‘गं गणपतये नमः की 9 माला करें।
वृषभ इस राशि वाले जातक कन्या का पूजन करें एवं दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
मिथुन इस राशि वाले जातक शिवशक्ति की आराधना करें। कर्क इस राशि वाले जातक गुरु के दर्शन करें एवं शिवाष्टक या शिव चालीसा करें।
सिंह इस राशि वाले जातक प्रातः सूर्य दर्शन करें एवं आदित्यह्रदयस्तोत्रम का पाठ करें।
कन्या इस राशि वाले जातक माताजी (दुर्गा) के दर्शन करें एवं गणेश चालीसा करें।
तुला इस राशि वाले जातक राधाकृष्ण के दर्शन करें एवं कृष्णाष्टक या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय की माला करें।
वृश्चिक इस राशि वाले जातक शिवजी के दर्शन करें एवं शिव के द्वादश नाम का उच्चारण करें (बारह ज्योतिर्लिंग का नाम उच्चारण करें)।
धनु इस राशि वाले जातक दत्त भगवान के दर्शन करें एवं गुरु का पाठ करें।
मकर इस राशि वाले जातक हनुमानजी के दर्शन करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कुंभ इस राशि वाले जातक राम सीता के दर्शन करें एवं रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
मीन इस राशि वाले जातक श्री गणेश के दर्शन करें।
ज्योतिषाचार्य : श्री मनोज शुक्ल जी
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