अध्यात्म त्यौहार-व्रत

23 सितंबर 2018 को मनाई जाएगी अनंत चतुर्दशी

Written by Bhakti Pravah

अनंत चतुर्दशी जिसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है, यह हिन्दू धर्म में मनाया जाने वाला एक पर्व है। भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुदर्श मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 23 सितंबर रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है। गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित की गईं गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन भी 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है।

अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त 2018,  पूजा का समय 06:09:42 से 7:19:37 24 सितंबर तक अवधि 25 घंटे 9 मिनट

उपरोक्त मुहूर्त नई दिल्ली की है, अन्य शहरों में थोड़ा परिवर्तन होगा।

हिन्दू धर्म में व्रत, पर्व और त्यौहार का विशेष महत्व है। हर साल कई व्रत और त्यौहार मनाये जाते हैं। इन्हीं में से एक है अनंत चतुर्दशी का पर्व। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। यह पूजन दोपहर में संपन्न होता है। इस दिन प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है और कलश स्थापना की जाती है। अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत और पूजा के महत्व का वर्णन मिलता है। इस दिन पूजन के बाद अनंत सूत्र बांधने का बड़ा महत्व है। ये अनंत सूत्र कपास या रेशम के धागे से बने होते हैं और पूजा के बाद इन्हें हाथ पर बांधा जाता है। मान्यता है कि अनंत सूत्र बांधने से भगवान ‘अनंत’ हमारी रक्षा करते हैं और सांसारिक वैभव प्रदान करते हैं। अनंत चतुर्दशी पर सुख-समृद्धि और संतान की कामना से व्रत भी रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की लोक कथाएं सुनी जाती हैं।

ऐसा माना जाता है कि अनंत चतुर्दशी पर्व और व्रत की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। जब पांडव पुत्र राज्य हारकर वनवास काट रहे थे, उस समय भगवान श्री कृष्ण ने वन में उन्हें अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन सुनाया था। कहते हैं कि सृष्टि के आरंभ में 14 लोकों की रक्षा और पालन के लिए भगवान विष्णु चौदह रूपों में प्रकट हुए थे, इससे वे अनंत प्रतीत होने लगे। इसलिए अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अनंत फल देने वाला माना गया है।

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