1. अध्धयन कक्ष में कभी भी कोई कॉपी किताबें पेन पेंसिल को खुला न रखें ।
2. अध्धयन कक्ष में कॉपी किताबों को हमेशा उनकी नियत स्थान , बैग या अलमारी में ही सलीके से रखें , यह जरुर ध्यान रखें की पड़ाई की मेज, कुर्सी टूटी न हो , कापी, किताबें फटी न हो उन सभी पर जरा भी धूल मिटटी न रहे ,लगातार वहां पर साफ सफाई होती रहे ।
3. पड़ने की मेज पर खाना नहीं खाना चाहिए , खाना खाते समय पड़ाई की टेबिल पर कॉपी किताबें बंद करके ,खाना खाने के लिए बनाये गए स्थान पर ही खाना चाहिए ।
4. हमेशा पढ़ाई प्रारंभ करते समय अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए कॉपी किताबों को अपने मस्तक से लगाकर पढ़ाई शुरू करें , यही प्रक्रिया पढ़ाई को समाप्त करते समय भी दोहराएँ ।
5. पढ़ने का सर्वोतम समय ब्रह्म मुहूर्त अर्थात सुबह के 4 बजे का माना गया है उस काल में पढ़ाई करते समय हमें कई गुना ज्यादा और तेजी से अपना पाठ याद होता है इसलिए पढ़ने वाले छात्रों को सुबह सवेरे पढ़ाई की आदत अवश्य ही डालनी चाहिए ।
6. पढ़ते समय छात्र का मुंह सदैव ईशान कोण ( उत्तर पूर्व ) की तरफ ही होना चाहिए । इसलिए उसकी मेज इस तरह से हो की उसका मुंह ईशान कोण की तरफ ही रहे ।
7. विधार्थी को घर पर पढ़ते समय जूते – मोज़े नहीं पहनने चाहिए ।
8. इमली के ताजे पत्ते ब्रहस्पति वार को अपनी किताबों में रखने से भी विधार्थी की बुद्धि तीव्र होती है ।
9. अष्ट सरस्वती यंत्र को गले में धारण करवाने से भी विधार्थी की बुद्धि का विकास होता है ।
10. मोर का पंख अपने पास रखने से विधार्थी का अपने स्कूल कालेज में सम्मान बढ़ता है ।
11. ब्राम्ही का नित्य सेवन करने वाले विधार्थियों की बुद्धि तीव्र होती है । स्मरण शक्ति बढ़ती है । इसलिए उन्हें परीक्षा में शानदार सफलता प्राप्त होती हैं।
12. जिन विद्यार्थियों को परीक्षा में उत्तर भूल जाने की आदत हो, उन्हें परीक्षा में अपने पास कपूर और फिटकरी रखनी चाहिए। इससे मानसिक रूप से मजबूती बनी रहती है और यह नकारात्मक ऊर्जा को भी हटाती हैं ।
पोस्ट: आचार्य मनोज शुक्ल जी
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