अध्यात्म

सपने देखना मानव जीवन की एक आवश्यक

Written by Bhakti Pravah

सपने देखना मानव जीवन की एक आवश्यक आवश्यकता है। सपने देखने में कमी होने का मतलब है आप में प्रोटीन की कमी है या फिर आप पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर के शिकार हैं।
— साँप- भारतीय परंपरा में मदमस्त साँप को देखने का अर्थ है, कुंडली का जागृत होना तथा आंतरिक प्रेरणा एवं बाहरी सजग दृष्टिकोण के बीच संघर्ष के रहते सपनों में हिलते सर्प दिखाई देते हैं।
_ पक्षी- पक्षी आत्मा या वासनाओं से मुक्ति का प्रतीक होता है। स्वप्न में पक्षी किस अवस्था में दिखता है उसी से आत्मा की स्थिति का अनुमान लगाया जाता है।
_ उड़ना- यह आत्मविश्वास या स्वतंत्रता एवं मोक्ष का दर्शन है। आधुनिक विचारधारा इसे असाधारण क्षमता के प्रतीक के रूप में देखती है।
_ घोड़े- घोड़े का दिखना स्वस्थ होने का सूचक है। यह परोक्ष दर्शन की क्षमता सुझाता है। कुछ लोग इसका संबंध प्रजनन से जोड़ते हैं।

-कुछ स्वप्न और उनका प्रभाव-
— यदि स्वप्न में व्यक्ति खुद को पर्वत पर चढ़ता पाए, तो उसे एक दिन सफलता निश्चित मिलती है।
— उल्लू दिखाई दे, तो यह रोग अथवा शोक का सूचक माना जाता है।

_ यदि कोई बुरा स्वप्न दिखाई दे, तो नींद खुलते ही गायत्री मंत्र पढ़कर पानी पी लेना चाहिए। उसी समय हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए और फिर नहीं सोना चाहिए।
_ कबूतर दिखाई दे तो यह शुभ समाचार का सूचक है।
_ व्यक्ति खुद को रोटी बनाता देखे, तो यह रोग का सूचक है।
_ भंडारा कराते देखने पर व्यक्ति का जीवन धनधान्य से पूर्ण रहेगा।
– दिन में दिखे स्वप्न निष्फल होते हैं।
_ सपनों में मनुष्य की रुचि हमेशा से ही है। हमारे वेदों-पुराणों में भी सपनों के बारे में जिक्र किया गया है। यदि कोई बुरा स्वप्न दिखाई दे, तो नींद खुलते ही गायत्री मंत्र
पढ़कर पानी पी लेना चाहिए। उसी समय हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए और फिर नहीं सोना चाहिए।

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