जिंदगी में कभी दुःख और पीड़ा आये, तो उसे चुपचाप पी जाना, अपने दुःख दर्द दुनिया के लोगो दिखाते मत फिरना , क्योकि वे डाक्टर नहीं है , जो तुम्हारी समस्या का समाधान कर दे, यह दुनिया बड़ी जालिम है , तुम्हारे दुःखो को रो-रोकर पूछेंगी और फिर हँस-हंसकर दुनिया को बताती फिरेगी, अपने जख्म उन लोगो को मत दिखाओ – जिनके पास मरहम न हो , वे खुदगर्ज लोग मरहम लगाने के बजाए जख्मो पर नमक छिड़क देंगे, दुःख आये तो घबराइये नहीं क्योकि दूध के फटने से वे ही दुखी होते है जिन्हे रसगुल्ला (छीना) बनाना नहीं आता
जय जिनेन्द्र ॐ अर्हम
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