तरुण सागर जी संत प्रवचन

श्री तरुण सागर जी महाराज 21

Written by Bhakti Pravah

बच्चो को मिठाई पसंद है हलवाई को कढ़ाई पसंद है
वैध को दवाई पसंद है दर्जी को सिलाई पसंद है फकीर को चटाई पसंद है पोलीस को पिटाई पसंद है
बहिन को भाई पसंद है सास को जमाई पसंद है भिलाई को भलाई पसंद है …
जो लोग चाहते है उन्हें सफलता मिले यश मिले , कभी असफलता नहीं मिले .
किसी ने मुझ से पुछा मुनि जी आप यहाँ पधारे है हमें कुछ ऐसा उपाय बताये जिससे हमें हमेसा लाभ ही लाभ हो..
मुनि श्री ने कहा एक उपाय बताता हु उसे समझ लो अपना लो हमेसा तुम खुश रहोगे..
लाभ को उल्टा कर दो …. यानि भला ,… लाभ = भला
सबका भला करो किसी का बुरा मत करो तुमको हमेशा लाभ होगा ,,,, हमेशा याद रखना एक बात
“बुरा आदमी नहीं उसका व्यवहार होता है,
कठोर ह्रदय को जितने वाला ही प्यार होता है,
जो ओढ़ कर तन पर रामनामी चद्दर देता धोखा है,
वो गुनाहों का गुनाहगार होता है l “

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