तरुण सागर जी संत प्रवचन

श्री तरुण सागर जी महाराज 19

Written by Bhakti Pravah

” पैसा कमाने के लिए कलेजा चाहिए |
मगर दान करने के लिए उससे भी बड़ा कलेजा चाहिए |
दुनिया कहती है की पैसा तो हाथ का मेल है |
मैं पैसे को ऐसी गाली कभी नहीं दूंगा |
जीवन और जगत मे पैसे का अपना मूल्य है ,
जिसे जुट्लाया नहीं जा सकता |
यह भी सही है की जीवन मे पैसा कुछ हो सकता है ,
कुछ -कुछ भी हो सकता है , और बहुत -कुछ भी हो सकता है मगर
‘सब-कुछ’कभी नहीं हो सकता |
और जो लोग पैसे को ही सब कुछ मन लेते है
वे पैसे के खातिर अपनी आत्मा को बेचेने के लिए भी तेयार हो जाते है | “

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